Haryana Weather Update: मनाली व शिमला से भी ठंडा है हिसार, तापमान माइनस 1.2 डिग्री पर
Haryana Weather Update पूरा हरियाणा शीतलहर से कांप रहा है। राज्य में सुन्न करने वाली सर्दी पड़ रही है और तापमान माइनस में पहुंच गया है। हरियाणा के हिसार में शिमला और मनाली से भी ज्यादा सर्दी है।
हिसार, जेएनएन। Haryana Weather Update: हरियाणा में इस साल सर्दी अपने ही रिकार्ड हर दिन तोड़ती दिख रही है। साल 2020 के आखरी दिन ठंड ने कहर बरपाया और तापमान माइनस में पहुंच गया। वीरवार को न्यूनतम तापमान ने इस सीजन के सभी रिकार्ड तोड़ दिए। आज हिसार मकें तापमान माइनस 1.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया गया। एक दिन पहले हिसार में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस था।
हिसार वर्ष 2020 के आखिरी दिन उत्तर भारत में सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस कम है। इतनी सर्दी के कारण खेतों में पाला जम गया है। इसके साथ ही धुंध के कारण वाहनों की रफ्तार थम गई है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले दो से तीन दिनों में न्यूनतम तापमान गिरने की संभावना है।
कड़ाके की सर्दी काे लेकर अलर्ट
भारत मौसम विभाग ने कड़ाके की सर्दी को लेकर हरियाणा में अलर्ट जारी किया है। यहां शीतलहर चलने को लेकर अलर्ट दिया गया है। इसके साथ ही ही आगामी दो से दिन दिनों तक यही स्थिति बने रहने की उम्मीद है।
अचानक से कैसे बढ़ी सर्दी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि दक्षिण पूर्वी से बदलकर पहाड़ों से आने वाली उत्तर पश्चिमी हवा के चलने से रात्रि तापमान में गिरावट हुई है। जिससे तापमान माइनस में चला गया है। इसके साथ ही धुंध के कारण कारण वाहनों की रफ्तार थमी है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में यह है तापमान
मनाली- - 1.6
ऊना- 0.5
शिमला- 3.0
कांगड़ा- 0.2
नैनीताल- 3.0
मसूरी- 2.0
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पाले से फसलों से ऐसे करे बचाव
पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है। इससे बचाव के लिए किसान यदि पानी उपलब्ध हो तो विशेष कर इन फसलों, सब्जियों व फलदार पौधो में सिंचाई करें ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। किसान खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढ़कें।