Haryana Weather Update: हरियाणा में गला देने वाली सर्दी, नए साल के दिन बारिश के आसार
हरियाणा में पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों मे चलने की संभावना से अगले तीन दिनों तक हरियाणा राज्य में रात्रि तापमान में गिरावट तथा नमी अधिक होने से धुंध भी बढऩे की संभावना है। 31 दिसंबर तक राज्य में रात्रि तापमान कम रहने व कहीं-कहीं पाला गिरने की भी संभावना है।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा में ठंड का कहर जारी है। नए साल पर धुंध और शीतलहर से स्वागत होगा। इस साल बाकी सालों की तुलना में ज्यादा ठंड है। दिसबंर के आखिर में ही हिसार का तापमान मंगलवार को शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हिसार के साथ सटे राजस्थान के चुरू में माइनस 0.4 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया है। यह तापमान उत्तर भारत के शहरों में सबसे कम रहा है। तापमान इतना नीचे चला गया है हिल स्टेशनों की सर्दी को भी फेल कर रहा है।
इसके साथ ही नारनौल में 0.3 डिग्री सेल्सियस तापमान ने लोगों के हाथ पैर जमा दिए हैं। पाला और कड़ाके की ठंड के कारण लोगों ने अलाव का सहारा लिया तो किसी ने हीटर से हाथ पैर गर्म किए। मंगलवार सुबह पांच से छह बजे के बीच में ही तापमान शून्य को छू गया था। मौसम विज्ञानियों की मानें तो एक जनवरी यानि नए साल के पहले दिन पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, जिससे बारिश होने की संभावना बनी हुई है। बारिश हुई तो न्यूनतम तापमान और भी नीचे लुढ़ककर जा सकता है। बुधवार को हिसार के न्यूनतम तापमान में हल्की से बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह शून्य नहीं रहा।
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इन शहरों में हिसार से कम तापमान
कांगड़ा- 1.8
चंबा- 0.8
शिमला- 1.6
जम्मू- 3.7
ऊधमपुर- 3.0
नैनीताल- 3.0
मसूरी- 2.0
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तापमान शून्य पर जाने का जानिए कारण
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मौसम में सर्दी बढऩे का प्रमुख कारण जम्मू कश्मीर व हिमाचल की तरफ से बीते 26 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ उत्तर की तरफ बढ़ा था और साथ में दक्षिण पूर्वी हवा चली जिससे वातावरण में नमी की मात्रा अधिक हो गई। वहीं रविवार रात्रि को पहाड़ों से फिर से उत्तर पश्चिमी हवाएं मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढ़ीं जिससे धरती का तापमान कम हुआ और तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली। जिससे पाला जम रहा है।
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अगले तीन दिनों में धुंध रोकेगी रफ्तार
मौसम विज्ञानी डा. मदन खिचड़ ने बताया कि सोमवार देर रात्रि से फिर से हवाएं उत्तर पश्चिमी अर्थात पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रों मे चलने की संभावना से अगले तीन दिनों तक हरियाणा राज्य में रात्रि तापमान में गिरावट तथा नमी अधिक होने से धुंध भी बढऩे की संभावना है। 31 दिसंबर तक राज्य में रात्रि तापमान कम रहने व कहीं-कहीं पाला गिरने की भी संभावना है।
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पाले से फसलो से ऐसे करें बचाव
पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, आलू, फलों व सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है। इससे बचाव के लिए किसान यदि पानी उपलब्ध हो तो विशेष कर इन फसलों, सब्जियों व फलदार पौधो में सिचाई करें ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। किसान भाई खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस और से हवा आ रही है रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढके।
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क्या होता है पाला जमना
जब तापमान हिमांक पर या इससे नीचे चला जाता है तब वायु में उपस्तिथ जलवाष्प बिना द्रव्य रूप में परिवर्तित न होकर सीधे ही सूक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ही पाला पडऩा या बर्फ जमना कहा जाता है। दोपहर बाद हवा के न चलने तथा रात में आसमान साफ रहने पर पाला पडऩे की संभावना ज्यादा रहती है।राज्य में पाला आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के महीने में ही पडऩे की संभावना बनी रहती है। पाले के कारण फसलों, सब्जियों व छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। फसलों व सब्जियों व छोटे फलदार तनों, फूलों, फलों में उपस्तिथ द्रव्य बर्फ के रूप में जम जाता है तथा ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देते है तथा पतियों को झुलसा देता है।