Haryana Weather Update: भारी बारिश से फसलों पर गहराया संकट, कपास के टिंडे गिरे अब सड़ने की पूरी संभावना

हरियाणा में बारिश के कारण आम जनजीवन तो अस्त-व्यस्त हुआ ही है। वहीं इससे फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर कपास के टिंडे गिरे साथ ही फसलें भी गिरी हैं। जिससे पानी खड़ा रहने से फसलों में कीट और रोग का प्रकोप बढ़ गया है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:54 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:54 PM (IST)
Haryana Weather Update: भारी बारिश से फसलों पर गहराया संकट, कपास के टिंडे गिरे अब सड़ने की पूरी संभावना
हरियाणा में भारी बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान।

जागरण संवाददाता, हिसार। दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश से आम जनजीवन तो प्रभावित हुआ है मगर सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ सकता है। हिसार में सुबह सात बजे से लेकर सायं सात बजे तक 89 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। यह तीसरी बार है जब अत्यधिक बारिश इस मानसून सीजन में हुई है। वहीं फसलों की बात करें तो इस सीजन में अगेती बिजाई वाला धान, ग्वार, कपास में भारी नुकसान की संभावना कृषि विशेषज्ञ जता रहे हैं। कपास में तो टिंडे तैयार हो गए थे ऐसे समय में बारिश आने से कपास के किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

फसलों में बढ़ा रोग का प्रकोप

आदमपुर क्षेत्र में कई किसान कपास की फसल करते हैं। कई स्थानों पर कपास के टिंडे गिरे साथ ही फसलें भी गिरी हैं। जिससे पानी खड़ा रहने से फसलों में कीट और रोग का प्रकोप भी होने की पूरी संभावना बन गई है। इसी प्रकार बाजरा की कटाई को बारिश ने प्रभावित कर दिया है। वहीं मूंग की फसल कटाई पर है उनके काले होने की संभावना है। जिससे मूंग के दाने की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। इस बारिश का इतना ही फायदा है कि जहां खेत खाली हैं वहां सरसों की बिजाई आसानी से हो सकेगी। वहीं ग्वार काली पड़ने और फंगस रोग लगने की संभावना पूरी-पूरी हो गई है। वहीं बारिश के साथ ही 30 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार से चल रही हवा बारिश के मौसम काे और भी सुहाना बनाया। बारिश के कारण दिन के तापमान में काफी कमी आई है। पिछले दो से तीन दिनों से बारिश न होने से काफी गर्मी बढ़ गई थी। ऐसे में यह बारिश साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हो रही है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले दिनों में इसी प्रकार की बारिश देखने को मिल सकती है।

सितंबर के आखिरी सप्ताह में विदा होगा दक्षिण पश्चिम मानसून

इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून सितंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदेश से विदा लेगा। अमूमन मानसून 20 सितंबर तक विदाई ले लेता है। मगर पिछले वर्ष 26 सितंबर तक मानसून ने विदाई ली थी। तो इस बार मौसम विज्ञानियों को सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी का अनुमान है।

अब आगे कैसा रहेगा मौसम

बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने व अरब सागर से भी नमी वाली हवा आने की संभावना से हरियाणा में मौसम 27 सितम्बर तक आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इन मौसमी सिस्टम से हरियाणा राज्य में 22-23 सितम्बर को तथा बाद में 26-27 सितम्बर को बीच-बीच में बादलवाई व हवा और गरज चमक के साथ कहीं -कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी संभावित है।

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