Haryana Weather Update: हरियाणा में इस सप्ताह में आंधी चलने की संभावना मगर गर्मी छुड़ाएगी पसीने

हरियाणा राज्य में 2 जुलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा बीच-बीच में आंशिक बादल व धूल भरी हवा चलने की संभावना है। बारिश के आसार कम हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 10:23 AM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 10:23 AM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में इस सप्ताह में आंधी चलने की संभावना मगर गर्मी छुड़ाएगी पसीने
ऊंचाई वाली पाश्चिमी हवाओं के कारण हरियाणा की ओर नहीं बढ़ पा रही मानसूनी हवाएं

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा राज्य में 2 जुलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है । इस दौरान तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा बीच-बीच में आंशिक बादल व धूल भरी हवा चलने की संभावना है। जब आगामी पांच से सात दिनों में तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज होगी तो बीच-बीच में धूल भरी हवाएं अक्सर चलती हैं। हालांकि यह हवाएं मौसम पर अधिक प्रभाव नहीं छोड़ती हैं। बीते एक दिन में हिसार में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि शनिवार को बारिश नहीं हुई मगर एनसीआर क्षेत्र में बारिश देखने को मिली। आने वाले पांच से सात दिनों में लोगों को गर्मी से अपना बचाव रखना होगा तो किसानों को मौसम के हिसाब से ही रणनीति बनानी होगी।

अगले पांच से सात दिनों में मानसून के लिए बन सकती अनुकूल परिस्थिति

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मानसूनी हवायों की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले पांच से सात दिनों के बाद ही बनने की संभावना है। इससे पहले पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में 24 से 26 जून के बीच धूलभरी हवाओं व गरजचमक के साथ कहीं बूंदाबांदी व कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई । राज्य में 2 जुलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है । इस दौरान तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा बीच-बीच में आंशिक बादल व धूल भरी हवा चलने की संभावना है।

इस मौसम में किसान इन बातों का रखें ध्यान

- कपास व सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे।

- वातावरण में नमी की अधिकता व लगातार बादलवाई रहने के कारण नरमा/कपास व सब्जियों में कीटों व रोगों का प्रकोप हो सकता है इन फसलों की लगातार निगरानी करते रहे व यदि कहीं प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करे।

- ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व उचित नमी उपलब्ध हो तो बिजाई शुरू करे। बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे।

- धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तेयार करें । पानी उपलब्ध होने पर धान लगाना शुरू करे।

- यदि नर्सरी में पीलापन आये तो 0.5 फीसद जिंकसल्फेट, 0.5 फीसद फेरससल्फेट व 2.5 फीसद यूरिया का घोल बनाकर छिडकाव करें। यह छिड़काव आवश्यकतानुसार 4-5 दिनों के अन्तराल पर दोहराएं।

- धान में बकानी रोग से बचाव के लिए बचाव के लिए पनीरी को उखाड़ने से 7 दिन पहले 250 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति आधा कनाल नर्सरी क्षेत्र में रेत में मिलाकर पनीरी में एक सार बिखेर दें। पनीरी को खड़े पानी में ही उखाड़ें।

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