Haryana Weather Update: हरियाणा में आज से बारिश की संभावना, गर्मी से मिल सकती है कुछ राहत
मौसम विज्ञानियों की मानें तो चार जुलाई तक बारिश होने के आसार है। जिस कारण से हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में बारिश होगी। इससे तापमान कम होगा और लोगों को गर्मी से राहत मिल सकेगी। अभी तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में गर्मी अपने चरम पर है। मगर शनिवार और रविवार को राहत मिल सकती है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो चार जुलाई तक बारिश होने के आसार है। जिस कारण से हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में बारिश होगी। इससे तापमान कम होगा और लोगों को गर्मी से राहत मिल सकेगी। अभी तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। अभी दिन का तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस पर भी काफी गर्मी का अहसास करा रहा है। जल्द ही गर्मी से राहत मिल सकती है। शुक्रवार की रात भिवानी में बारिश भी हुई तो इसके बाद हवा चलने से सभी जिलों में गर्मी का अहसास कम हुआ।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा अब भी बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है। पाश्चिमी हवाओं के चलने के कारण मानसूनी हवा के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं। अब मानसून टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ी हुई है। पिछले तीन-चार दिनों से हरियाणा राज्य मौसम गर्म व खुश्क तथा दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने से वातावरण में असिथरता की स्थिति बनने के कारण विशेषकर उत्तर पाश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्रों में धूलभरी हवा चली।
मानसूनी टर्फ रेखा दक्षित की तरफ आनी शुरू हुई
डा. मदन खिचड़ ने बताया कि शुक्रवार को मानसूनी टर्फ रेखा थोड़ी दक्षिण की तरफ नीचे आने से राज्य के विशेषकर राज्य के उत्तर पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्रों में शुक्रवार रात्रि से 4 जुलाई के बीच आंशिक बादलवाई, हवाओं व गरज चमक के साथ कहीं- कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है जिससे बाद में दिन के तापमान में हल्की गिरावट संभावित है।
9 से 10 जुलाई को मानसून की बारिश आने के आसार
मानसून की सक्रियता 9 से 10 जुलाई के आसपास रहने के आसार हैं। तब मानसून की बारिश देखने को मिलेगी। इस बार मानसून को बढ़ाने का काम चक्रवातों ने जरूर किया। अभी तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से चक्रवात हमारे मौसम चक्र को प्रभावित कर रहे हैं। जिसके कारण मौसम ही नहीं बल्कि फसल चक्र भी प्रभावित हो रहा है।