Haryana Weather News: हरियाणा में कल से बदलेगा मौसम, बारिश के साथ तापमान में गिरावट की संभावना

हरियाणा में मौसम 8 मई तक परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है। 5 मई रात्रि से मौसम में बदलाव होने की संभावना है। 6 व 7 मई को बादलवाई व बीच -बीच में तेज धूलभरी हवाएं चलनेगरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 01:40 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 01:40 PM (IST)
Haryana Weather News: हरियाणा में कल से बदलेगा मौसम, बारिश के साथ तापमान में गिरावट की संभावना
हरियाणा में आगामी तीन चार दिनों तक धूलभरी हवाएं परेशान करने वाली हैं

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिल सकता है। मौसम विज्ञानियों ने 5 मई को मौसम परिवर्तन की संभावना जताई है। हालांकि 4 मई को भी कहीं कहीं इसका असर देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश आने की संभावना भी नजर आ रही है। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हरियाणा राज्य के उत्तरी व दक्षिण पश्चिमी जिलों में 29 अप्रैल रात्रि से 2 मई तक कहीं-कहीं धूल भरी हवाओं व गरज चमक के साथ छिटपुट बूंदाबांदी या हल्की बारिश दर्ज हुई।

जिससे दिन का तापमान सामान्य के आसपास बना रहा। परंतु बादलवाई के कारण रात्री तापमान में सामान्य से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। मंगलवार को रात्रि तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है। इससे पहले बीते सोमवार को सोमवार को गुरुग्राम में दिन का तापमान सर्वाधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं दूसरे स्थान पर सिरसा में 40.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था।

छह मई के बाद चलेगी धूलभरी आंधी

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में मौसम 8 मई तक परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है। एक और पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव से 5 मई रात्रि से राज्य में फिर से मौसम में बदलाव होने की संभावना है जिससे राज्य के ज्यादातर जिलों में 6 व 7 मई को बादलवाई व  बीच -बीच में तेज धूलभरी हवाएं चलने,गरज चमक के साथ कहीं-कहीं  हल्की बारिश  होने की संभावना है।

क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है।

chat bot
आपका साथी