Haryana Weather News: साइक्लाेनिक सर्कुलेशन से हरियाणा में हो रही बारिश, बहादुरगढ़ में गिरी बिजली
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान के ऊपर बनने वाले एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से 14 मई तक राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में तेज गति से धूलभरी हवा चलने व गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में गिरावट होगी।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा में बीते दो-तीन दिनों से मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है। धूलभरी आंधी, कभी गड़गड़ाहट तो कभी बूंदाबांदी हो रही है। पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव और राजस्थान के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण हरियाणा में बारिश ने मौसम सुहाना कर दिया है। वहीं आसमानी बिजली भी आफत बनकर गिर रही है। बीते दो दिनों में हांसी, सिवानी, कुरुक्षेत्र में बिजली गिर चुकी है। वहीं इसमें एक व्यक्ति की जान भी चली गई। वीरवार को बहादुरगढ़ में भी आसमानी बिजली गिर गई।
बुधवार देर रात्रि को बारिश होती रही। बारिश के आंकड़े देखे जाएं तो हिरयाणा में रोहतक में 6 एमएम तो अंबाला में 5 एमएम बारिश हुई है। जबकि सिरसा में 3 एमए और हिसार में 0.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश से तापमान में कमी देखने को मिल रही है। हिसार में अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री घटकर 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था तो न्यूनतम तापमान 22.2 से घटकर 21.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। इसके साथ ही सुबह कुछ देर धूप निकली मगर बादलवाई के कारण अधिक प्रभाव नहीं दिखाई दिया।
14 मई तक बारिश होने की संभावना
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान के ऊपर बनने वाले एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से 14 मई तक राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में तेज गति से धूलभरी हवा चलने व गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है जिससे दिन के तापमान में गिरावट तथा रात्रि तापमान में हल्की बढोतरी दर्ज होने की संभावना है। हरियाणा में मौसम 15 मई तक आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है ।
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मौसम में बदलाव को लेकर किसान इन बातों का रखें ध्यान
1. गेहूं के भूसे/तूड़ी को सुरक्षित स्थानों पर अब तक न रखा हो या अच्छी प्रकार से नही ढका हो तो तेज हवा चलने व बारिश की संभावना को देखते हुए जल्दी से जल्दी तूड़ी को ढके या सुरक्षित जगह रखें।
2. मंडी में गेहूं ले जाते समय तिरपाल अपने साथ अवश्य रखे ताकि संभावित बारिश से अनाज को भीगने से बचाया जा सकें।
3. बारिश की संभावना को देखते हुए नरमा की बिजाई के लिए तैयार खेत में नमी संचित करें व अगले दो तीन दिन बिजाई रोक लें।-------