Haryana Weather News: राजस्थान सीमा पर बने साइक्लाेनिक सर्कुलेशन के कारण हरियाणा में बदला है मौसम

24 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इसके साथ ही बीच-बीच में आंशिक बादलवाई और हवा चलने की संभावना है। 24 मार्च के बीच राज्य में अधिकांश हिस्सों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश होने के आसार हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 12:58 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 12:58 PM (IST)
Haryana Weather News: राजस्थान सीमा पर बने साइक्लाेनिक सर्कुलेशन के कारण हरियाणा में बदला है मौसम
हरियाणा में दो से तीन दिनों के लिए तेज हवा चलने व बूंदाबांदी होने का सिलसिला चलता रहेगा

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में कल से मौसम बदला हुआ है। तेज हवा चल रही है तो कभी कभी बूंदाबांदी शुरू हो रही है। मगर ऐसा राजस्थान की तरफ से बढ़े साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव के चलते हुआ है। मौसम बदलाव से गर्मी से राहत मिली है, लेकिन फसलों में नुकसान भी हो सकता है। सरसों की फसल निकाली जा रही है तो वहीं गेहूं की फसल पकाव पर है। सोमवार को सुबह से ही मौसम में गर्मी के स्थान पर बादल दिखाई दे रहे थे तो हवाओं के कारण हल्की ठंड भी महसूस हुई।

इसके बाद करीब 10 बजे फिर से बूंदाबांदी हुई मगर यह अधिक देर तक नहीं चली। इसके बाद फिर से धूप निकल आई। वहीं शहर में किसी स्थान पर बारिश हो रही थी तो कोई बारिश से अछूता दिखा। बीते रविवार को प्रदेश में कुछ शहरों में तेज हवाओं के साथ कई स्थानों पर हल्की बारिश और ओलावृष्टि भी हुई।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि 24 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इसके साथ ही बीच-बीच में आंशिक बादलवाई और हवा चलने की संभावना है। 24 मार्च के बीच राज्य में अधिकांश हिस्सों में कहीं बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश होने के आसार हैं।

किसान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

इस सप्ताह मौसम में लगातार बदलाव की संभावना को देखते हुए कुछ दिन विशेषकर गेहूं की फसल में सिंचाई रोक लें। हवा चलने की संभावना को देखते हुए सरसों की फसल जो पकने की अवस्था में है उसे कटाई कर ली है तो जल्द से जल्द निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर रखें या काटी फसल के बंडल अच्छी प्रकार से बांध लें ताकि हवा चलने से उड़ न सके। इसी प्रकार हल्की बारिश व हवा चलने की संभावना को देखते हुए अगले कुछ दिन फसलों में स्प्रे रोक ले। यदि आवश्यक हो तो मौसम खुलने पर ही स्प्रे करें।

जानें क्या होता है साइक्लोनिक सर्कुलेशन

जब भी पश्चिमी विक्षोभ गुजरता है तब हवाओं के एक चक्रवात बन जाता है जिसे साइक्लोनिक सर्कुलेशन कहते हैं। यह सर्कुलेशन हवा व नमी का मिश्रण होता है जो आगे जाकर बारिश करने का काम करता है।

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