Haryana Weather News: हिसार में फिर बारिश, हर जगह पानी ही पानी, किसानों की फसलें तबाह

बारिश ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। एक दिन की बारिश में कई इलाकों में फसलें बिछ गई हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यूं तो 89 एमएम बारिश हुई है मगर कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह 150 एमएम से भी अधिक बारिश दर्ज की गई है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 12:29 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 12:29 PM (IST)
Haryana Weather News: हिसार में फिर बारिश, हर जगह पानी ही पानी, किसानों की फसलें तबाह
हरियाणा में मानसून ने जाते जाते नुकसान कर दिया है

जागरण संवादाता, हिसार। इस मानसून की बारिश ने किसानों को बर्बाद कर दिया है। एक दिन की बारिश में कई इलाकों में फसलें बिछ गई हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यूं तो 89 एमएम बारिश हुई है मगर कई ग्रामीण क्षेत्रों में यह 150 एमएम से भी अधिक बारिश दर्ज की गई है। हरियाणा के कई जिलों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं, कहीं बारिश से घर ढह गए तो कहीं आसमानी बिजली गिरने से मौत हो गई। बुधवार की तरह ही गुरुवार को भी हिसार समेत कई जगहों पर बारिश हुई और हर जगह पानी ही पानी हो गया।

बारिश में आदमपुर, हांसी, उकलाना और अग्रोहा में सबसे अधिक किसानों को नुकसान हुआ है। धान की फसल जो तैयार थी वह गिर गई जिससे उसके सड़ने की संभावना पूरी बन गई है। इसी प्रकार कपास की फसल में टिंडे गिर गए यह भी सड़ने के कगार पर हैं। मूंग की फलियां काली पड़ चुकी है। वहीं ग्वार की फसल में भी भारी नुकसान दिखाई दे रहा है। इस बार जो फसलें है अगर हो भी गईं तो कृषि विज्ञानी बताते हैं कि फसलों के दाने की गुणवत्ता पर पूरा पूरा प्रभाव पड़ेगा।

अग्रोहा: बारीश से किसानों के चेहरे मुरझाए, नरमा,कपास व ग्वार,मूंग की फसलों में बताया नुकसान

अग्रोहा क्षेत्र में बुधवार को सुबह नौ से करीब तीन घंटे बारह बजे तक हुई बारिश ने जहां किसानों के चेहरे पर शिकन ला दी है। किसान कर्णसिंह,अजय सैनी,घोलू किराड़ा,कृष्ण आर्य ने बताया कि नरमा,कपास और ग्वार की फसलों के लिए यह बारीश नुकसानदेह साबित हुई। बारिश के बाद चली तेज हवा से फसले बिछ गई। जिससे फसली उत्पादन न होने के बराबर हो गया। वंही नरमा कपास की फसलों में पानी के ठहराव के कारण फसली नुकसान है।

नारनौंद:

इसी प्रकार नारनौंद क्षेत्र के कई गांवों में कपास, धान में नुकसान हुआ है। गांव राजथल में बारिश के कारण नष्ट हुई ज्वार की फसल पूरी की पूरी जमीन पर बिछी दिखाई दी। इसके साथ ही बाजरा व कपास की फसलों में भी काफी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि इस मौसम में इतनी बारिश पहले कभी नहीं देखी है।

क्या कहते हैं कृषि विज्ञानी

इस सीजन में अगेती बिजाई वाला धान, ग्वार, कपास में भारी नुकसान की संभावना कृषि विशेषज्ञ जता रहे हैं। कपास में तो टिंडे तैयार हो गए थे ऐसे समय में बारिश आने से कपास के किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आदमपुर क्षेत्र में कई किसान कपास की फसल करते हैं। कई स्थानों पर कपास के टिंडे गिरे साथ ही फसलें भी गिरी हैं। जिससे पानी खड़ा रहने से फसलों में कीट और रोग का प्रकोप भी होने की पूरी संभावना बन गई है। इसी प्रकार बाजरा की कटाई को बारिश ने प्रभावित कर दिया है। वहीं मूंग की फसल कटाई पर है उनके काले होने की संभावना है। जिससे मूंग के दाने की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। इस बारिश का इतना ही फायदा है कि जहां खेत खाली हैं वहां सरसों की बिजाई आसानी से हो सकेगी। वहीं ग्वार काली पड़ने और फंगस रोग लगने की संभावना पूरी-पूरी हो गई है।

अब आगे कैसा रहेगा मौसम

बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने व अरब सागर से भी नमी वाली हवा आने की संभावना से हरियाणा में मौसम 27 सितम्बर तक आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इन मौसमी सिस्टम से हरियाणा राज्य में 22-23 सितम्बर को तथा बाद में 26-27 सितम्बर को बीच-बीच में बादलवाई व हवा और गरज चमक के साथ कहीं -कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी संभावित है।

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