Haryana Monsoon News : हरियाणा में सात अगस्त तक बारिश का अलर्ट, ज्‍यादा बारिश से होगा फसलों को नुकसान

सात अगस्त तक तक बारिश के लिए मौसम विज्ञानियों ने अलर्ट किया हुआ है। जगह-जगह बारिश को लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि मानसून में बादलों का चलन हवाओं के साथ तेज होता है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:55 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:55 AM (IST)
Haryana Monsoon News : हरियाणा में सात अगस्त तक बारिश का अलर्ट, ज्‍यादा बारिश से होगा फसलों को नुकसान
हरियाणा में एक बार फिर मानसून सक्रिय होने जा रहा है

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में एक बार मौसम फिर बदलने वाला है। बंगाल की खाड़ी पर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन व मानसून टर्फ का पाश्चिमी छोर उत्तर की तरफ बढ़ने की संभावना से हरियाणा में मौसम आमतौर पर 7 अगस्त तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। मगर बुधवार व वीरवार को राज्य के पाश्चिमी क्षेत्रों में आंशिक बादलवाई व कुछ एक स्थानों पर हल्की बारिश मगर उत्तरी व दक्षिणी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश तथा हवा व गरजचमक के साथ 6 व 7 अगस्त को राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है।

गौरतलब है कि दक्षिण पाश्चिमी मानसून हरियाणा में 27 जुलाई से पूरी तरह से सक्रिय होने से भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकडो के अनुसार 1 जून से 3 अगस्त तक 321.4 मिलीमीटर बारीश दर्ज हुई है जो सामान्य बारिश (224.1 मिलीमीटर) से 43 फीसद अधिक हुई है । ज्‍यादा बारिश से कई जगहों पर फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है।

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सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम दिन का तापमान

हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार हिसार में सोमवार को 10.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी। लगातार दूसरे दिन मौसम का अजब खेल देखने को मिला। आधे शहर में तेज बारिश से जलजमाव हो गया तो अन्य क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। बारिश के कारण दिन का तापमान सामान्य से चार डिग्री बढ़कर 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिल सकती है।

सात अगस्त तक तक बारिश के लिए मौसम विज्ञानियों ने अलर्ट किया हुआ है। जगह-जगह बारिश को लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि मानसून में बादलों का चलन हवाओं के साथ तेज होता है। यह बादल कहीं सक्रिय होते हैं तो कहीं नहीं, यही कारण है कि बारिश कुछ-कुछ क्षेत्रों में हो रही है।

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