Haryana Monsoon News: हरियाणा में मानसून सक्रिय, जानें कब तक बारिश के आसार, जलभराव से परेशानी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मेवात पलवल फरीदाबाद झज्जर गुरुग्राम रेवाड़ी महेंद्रगढ़ व रोहतक में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस यलो अलर्ट की मानें तो यहां पांच अगस्त तक तेज बारिश के साथ तूफान आने की संभावना जताई जा रही है
जागरण संवाददाता, हिसार। दक्षिण पश्चिम मानसून के कुछ देरी से आने पर गर्मी में लोगों को राहत मिली है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में दिन का तापमान सामान्य से कम चल रहा है। हिसार में दिन का तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस की कमी है। तो शहर छोड़कर अन्य स्थानों पर 22 मिलीमीटर बारिश भी दर्ज हुई है। वहीं सर्वाधिक बारिश करनाल में 32 एमएम बारिश दर्ज की गई है। गौरतलब है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मेवात, पलवल, फरीदाबाद, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व रोहतक में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस यलो अलर्ट की मानें तो यहां पांच अगस्त तक तेज बारिश के साथ तूफान आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अपने आप को इस समस्या से बचाकर रखें। जहां भी अत्यधिक बारिश से जलभराव की स्थिति सामने आए प्रशासन को सूचित करें।
प्रदेश में मानसून है सक्रिय
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विज्ञानियों की मानें तो मानसून की सक्रियता बने रहने से हरियाणा राज्य में पांच अगस्त तक कहीं-कहीं हवायों व गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। यह बारिश सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञानी डा. करमल मलिक ने बताया कि कपास की फसल के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। किसान खोदी करने का काम करें।
इसके साथ ही कीटों की स्थिति देकर विश्वविद्यालय की सिफारिश पर रसायन का छिड़काव करें। जहां अधिक बारिश हो वहां पानी को अधिक खेतों में न भरा रहने दें। वरिष्ठ सब्जी विज्ञानी डा. एके भाटिया ने बताया कि सब्जी वर्गीय फसलों में किसानों ने लौकी, बैंगन, तोरईं, भिंडी आदि शामिल हैं। इनके लिए बारिश अच्छी है मगर जहां अधिक बारिश होने से पानी भर गया है वहां नुकसान हो सकता है। ऐसे में खेतों में अत्यधिक पानी न भरने दें। इसी प्रकार धान की फसल के लिए यह बारिश अच्छी और फायदेमंद है।
कहां किस जिले में कितनी बारिश
जिला- बारिश
हिसार- 22 मिलीमीटर
गुरुग्राम- 1 मिलीमीटर
करनाल- 32 मिलीमीटर
नारनौल- 19 मिलीमीटर
रोहतक- 10 मिलीमीटर