Haryana lockdown Day 4: रोहतक में दिखी आमदिनों की तरह भीड़, लोग बोले- हरियाणा में लॉकडाउन है भी की नहीं
रोहतक की सब्जी मंडी को देखकर कोई नहीं कह सकता कि हरियाणा में लॉकडाउन भी लगा हुआ है। रोहतक के हालात देखकर लोग सवाल कर रहे हैं कि हरियाणा में लॉकडाउन क्या कुछ जिलों के लिए ही है। हिसार में सख्ती बहुत ज्यादा है।
रोहतक, जेएनएन। हरियाणा में आज लॉकडाउन का चौथा दिन है। किसी किसी जिले में पुलिस ने बहुत सख्ती की हुई है तो किसी किसी जिले में बहुत छूट मिली हुई है। रोहतक की सब्जी मंडी को देखकर कोई नहीं कह सकता कि हरियाणा में लॉकडाउन भी लगा हुआ है। रोहतक के हालात देखकर लोग सवाल कर रहे हैं कि हरियाणा में लॉकडाउन क्या कुछ जिलों के लिए ही है। जबकि रोहतक के कई गांवों में लगातार मौतें हो रही है। टिटौली गांव में ही दस दिनों में करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है। वहां लोग कोरोना सैंपल भी नहीं दे रहे हैं। वहीं हिसार में सख्ती बहुत ज्यादा है। सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी में मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। एनसीआर के जिलों में भी केस ज्यादा हैं।
रोहतक जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। सैंपलिंग के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लेकिन, मामले थमे भी कैसे जब हम खुद ही लापरवाही बरतें। संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी रखना अहम है, लेकिन बाजारों में सुबह के समय लगने वाली भीड़ देखकर तो यही लगता है कि लोग मानने के लिए तैयार ही नहीं।
पुरानी सब्जी मंडीं में सुबह करीब 10.30 बजे का नजारा भयावह था। भीड़ का ऐसा आलाम था मानो कोरोना संक्रमण पर विजय पा ली गई हो। कुछ अन्य स्थानों पर भी यही दृश्य दिखे। वहीं, सिविल अस्पताल में सुबह 11 बजे की बात की जाए तो कोरोना सैपंलिंग के लिए लोग कतार में लगे थे। यहां भी शारीरिक दूरी न के बराबर रही।
जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग बार-बार अपील कर रहा है कि कोरोना की स्थिति फिलहाल गंभीर है, मास्क और शारीरिक दूरी से ही परिस्थितियां सामान्य की तरफ लौटेंगी। लेकिन लोगों की लापरवाही नहीं थम रही।
गलियों में सुबह 11 बजे के बाद भी शटर खुले दिख रहे हैं, यही नहीं दिनभ ग्राहक भी कुछ न कुछ सामान लेने पहुंच रहे हैं। कोरोना के अप्रत्याशित मामालों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाया हुआ है, ताकि, कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। यदि एक सप्ताह भी ईमानदारी से नियमों की पालना की जाए तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
सिविल सर्जन डा. अनिल बिरला का कहना है कि लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द नए मामलों में कमी हो सके। चिकित्सक भी दिनरात कार्य कर रहे हैं, खुद संक्रमित हो रहे हैं, जरूरी है कि उनके लिए भी आमजन जागरूकता दिखाएं। ऐसा रहा तो हो सकता है आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।