Haryana Education Department: प्रदेश के 33 प्राइमरी स्कूलों में फिर लगेगी बच्चों की हाजरी, छात्रों की कमी के चलते किए थे बंद

हरियाणा में स्कूलोंं में बच्चों की संख्या कम हुई तो सरकार ने प्राइमरी स्कूल दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिए थे। लेकिन अब नए सत्र में बच्चों की संख्या बढ़ी तो पंचायतों की मांग पर प्रदेश के 11 जिलाें में 33 स्कूलों को दोबारा से शुरू कर दिया गया।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 07:33 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:33 AM (IST)
Haryana Education Department: प्रदेश के 33 प्राइमरी स्कूलों में फिर लगेगी बच्चों की हाजरी, छात्रों की कमी के चलते किए थे बंद
हरियाणा के स्कूलों में फिर लगेगी बच्चों की हाजरी।

सुरेश मेहरा, भिवानी। बच्चों की संख्या कम हुई तो प्रदेश के अनेक प्राइमरी स्कूल दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिए गए या फिर उनको बंद कर दिया गया। अब नए सत्र में बच्चों की संख्या बढ़ी तो पंचायतों की मांग पर प्रदेश के 11 जिलाें में 33 स्कूलों को दोबारा से शुरू कर दिया गया। यूं कहें कि वीरान हुए इन स्कूलों के आंगन अब फिर से चहकने लगे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 10 प्राइमरी स्कूल महेंद्रगढ़ जिले के दोबारा से शुरू किए गए हैं।

11 जिलाें में इस प्रकार खुले 33 स्कूल 

गुरुग्राम दो, करनाल एक, कुरुक्षेत्र चार, महेंद्रगढ़ 10, रेवाड़ी एक, सोनीपत तीन, यमुनानगर तीन, पलवल एक, अंबाला दो, हिसार तीन और भिवानी में तीन स्कूलों को दोबारा से खोला गया है। इस बार इन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी। अध्यापकों के अलावा पंचायतों का भी विशेष योगदान रहा।

शिक्षा विभाग ने चेताया बच्चों संख्या घटी तो बंद हो सकते हैं स्कूल 

मौलिक शिक्षा निदेशालय ने पंचायतों और यहां के अध्यापकों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि दोबारा से इन स्कूलों में बच्चों की संख्या घटी तो फिर से इन स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा। इसलिए इन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम न हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

इस सत्र में दो लाख से अधिक बच्चे प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूलों में आए 

स्कूल अधिकारियों की माने तो अभिभावक प्राइवेट स्कूलों का मोह छोड़ रहे हैं। इस सत्र में प्रदेश में दो लाख से अधिक बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़ कर सरकारी स्कूलों में आ चुके हैं। इनमें प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामअवतार शर्मा के अनुसार

जिन सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम थी। उन स्कूलों को नजदीक के स्कूल में मर्ज किया गया था या फिर बंद कर दिया गया था। इस सत्र में उन गांवों ढाणियों के स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी तो पंचायतों ने स्कूल दोबारा खोलने की मांग की। बच्चों की संख्या ठीक देखते हुए विभाग ने ऐसे स्कूलों को दोबारा शुरू किया है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या बनाए रखनी होगी।

chat bot
आपका साथी