हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन निर्माण पर 6 माह के लिए लगी रोक

पंकज नागपाल, हांसी : सोरखी गांव के तीन किसानों द्वारा जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को हाईकोर्ट

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Dec 2017 03:04 AM (IST) Updated:Fri, 08 Dec 2017 03:04 AM (IST)
हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन निर्माण पर 6 माह के लिए लगी रोक
हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन निर्माण पर 6 माह के लिए लगी रोक

पंकज नागपाल, हांसी : सोरखी गांव के तीन किसानों द्वारा जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसपर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकार को नए एक्ट के अनुसार जमीन अधिग्रहण करने के आदेश देते हुए 6 महीने का समय दिया है। इस फैसले के बाद युद्धस्तर पर किए जा रहे हांसी-महम-रोहतक रेलवे लाइन बिछाने के काम पर 6 महीने के लिए तलवार लटक गई है। इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने सरकार को जमीन अधिग्रहण अधिनियम 2014 के नए एक्ट के अनुसार सेक्शन-4 लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू करने के भी आदेश दिए हैं। वहीं, याचिकाकर्ता किसानों को भी 6 माह तक जमीन पर किसी भी तरह का फेरबदल या निर्माण नहीं करने के दिए निर्देश दिए।

सोरखी गांव निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि गांव के किसान संजय, होशियार ¨सह व कृष्ण ने सरकार द्वारा रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण की गई जमीन की प्रक्रिया को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि 20 दिसंबर 2013 को सरकार ने सेक्शन-4 के नोटिफिकेशन के तहत जमीन अधिग्रहण करने के लिए उन्हें नोटिस दिए थे और जनवरी 2014 में जमीन अधिग्रहण का नया एक्ट लागू होने के बावजूद भी सरकार ने पुराने एक्ट के तहत उनकी जमीन को अधिगृहित करने की प्रक्रिया जारी रखी। याचिका में कहा गया कि सेक्शन-4 की नोटीफिकेशन के बाद सेक्शन-5 के तहत आपत्तियां दर्ज की गई और सेक्शन-6 के तहत अगस्त 2016 में अवार्ड पास कर दिया गया लेकिन उन्होंने अवार्ड लेने से इन्कार कर दिया और सितंबर-2016 में पुराने एक्ट के तहत किए अधिग्रहण को चैलेंज करते हुए नए एक्ट के अनुसार अधिग्रहण प्रक्रिया लागू करने की अपील की। इस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकार को उक्त निर्देश दिए हैं।

900 एकड़ जमीन की जा चुकी है एक्वायर, 400 करोड़ का मुआवजा वितरित

हांसी-रोहतक रेलवे लाइन के लिए सरकार की ओर से करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इनमें हिसार जिले के गांव मदनहेड़ी के किसानों की 49 कनाल 8 मरले, ¨सघवा खास गांव की 78 कनाल 16 मरले, हांसी की 49 कनाल 15 मरले, ढाणा खुर्द गांव की 195 कनाल 8 मरले, गढ़ी गांव की 723 कनाल 9 मरले, बांडाहेड़ी गांव की 134 कनाल 16 मरले व सोरखी गांव की 633 कनाल 17 मरले जमीन एक्वायर की गई थी। इन जमीन मालिकों में से अधिकांश किसानों ने मुआवजा राशि प्राप्त कर ली है और अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद इन किसानों के लिए एक और विकल्प के द्वार खुल गए हैं। सरकार की ओर से एक्वायर की गई 900 एकड़ जमीन के लिए करीब 400 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि भी वितरित की जा चुकी है।

फैसले पर अधिकारी चुप

रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के लिए तैनात रेलवे के कार्यकारी अभियंता टीके शर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा कि इस बारे में विभाग के पीआरओ अधिकृत हैं और रोहतक के जिला राजस्व विभाग अधिकारी इस रेलवे लाइन से संबंधित जमीन अधिग्रहण के मामले को देख रहे हैं। जिला राजस्व अधिकारी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन देर रात तक उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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