Bhiwani wrestler Bijendra: पहलवान बिजेंद्र को दर्द नहीं करती हथौड़ों की मार, अकेले ही खींच लेते हैं पूरा ट्रक
स्टील मैन के नाम से मशहूर भिवानी के पहलवान बिजेंद्र के नाम कई रिकार्ड है। इन्होंने अपने शरीर पर लगातार 1550 हथौड़े खाए हैं और ऊफ तक नहीं की। ट्रक को अकेले दम पर एक पैर दांतों और कंधों पर रस्सा बांध कर खींचा।
सुरेश मेहरा, भिवानी। मर्द को कभी दर्द नहीं होता। यह फिल्म का डायलाग भले हो। भिवानी के पहलवान बिजेंद्र ने इसे साबित भी किया है। इन्होंने अपने शरीर पर लगातार 1550 हथौड़े खाए हैं और ऊफ! तक नहीं की। ट्रक को अकेले दम पर एक पैर, दांतों और कंधों पर रस्सा बांध कर खींच लेना, किसी भी मनुष्य को दांतों से उठा कर दौड़ पड़ना, मोटरसाइकिल को उठा लेना, चलती बाइक को अपनी ताकत के दम पर रोक लेना, दांतों से लोहे के सरियों को मोड़ देना जैसे इनके शौक हैं। शरीर पर हथौड़े खाने को लेकर तो इनका नाम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ है।
स्टील मैन के नाम से मशहूर
हरियाणा के सामान्य ज्ञान में पहलवान बिजेंद्र के नाम से प्रश्न तक पूछे गए हैं, स्टील मैन के नाम से हरियाणा में कौन मशहूर है। फौलादी ताकत और स्टंट के जरिये यह पहलवान नशा मुक्त समाज बनाने का बीड़ा उठाए है। गांव-गांव, शहर-शहर जाकर वह लोगों को समझा रहे हैं नशा नाश है इससे दूर रहिये। परिवार और समाज में खुशहाली लानी है तो नशे का नाश करना होगा इसे छोड़ना होगा। इसलिए आइये हम आज से संकल्प लें कि नशा नहीं करेंगे और अपने घर परिवार समाज को नशे से दूर रखेंगे।
बहन का एक हाथ से उठाया गया ओखल बन गया सीख
बिजेंद्र पहलवान पूराने दिनों को याद करते हुए बताते है कि बात करीब 25 वर्ष पहले की है। बहन बीरमति ने घर में पत्थर के बने ओखल को एक हाथ से उठा लिया था। वह मेरे लिए अचरज से कम नहीं था। उस समय मन ही मन मैने भी ठान लिया था कि मैं भी ताकत के मामले में ऐसा करूंगा जिसका दुनिया लोहा माने। बस उस समय से ही अभ्यास शुरू कर दिया था। आज वह एक पैर से ट्रक तक खींच लेते हैं। इसके अलावा ताकत वाले अनेक स्टंट करते हैं। समाज को नशा मुक्त करना उनका मुख्य लक्ष्य है।
पांच साल से कर रहे शक्ति प्रदर्शन
पिछले पांच साल से वह शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रत्येक माह में चार या पांच शक्ति प्रदर्शन करते हैं। इस प्रकार साल में लगभग 60 शक्ति प्रदर्शन हो जाते हैं। ये शक्ति प्रदर्शन युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा देते हैं।
पहलवान बिजेंद्र की दिनचर्या और खुराक इस प्रकार है
बिजेंद्र बताते हैं कि वह सुबह चार बजे उठ जाते हैं। इस दौरान योग, कपाल भाति, दौड़ जिम और अखाड़ा में अभ्यास करते हैं। करीब तीन घंटे तक पसीना बहाया जाता है। यह दिनचर्या का हिस्सा है। इसके बाद प्रेक्टिस पर चले जाते हैं। प्रैक्टिस के दौरान 10 मुन्नका और 10 किसमिस का पानी लेते हैं।
* नाश्ते में तीन चार केले का सेक लेते हैं। इसके एक घंटे के बाद रात के भिगोए अंकुरित चने करीब सोयाबीन, कच्ची मूंगफली, बादाम सब करीब 200 ग्राम लेते हैं।
* इसके एक घंटे बाद करीब 300 ग्राम कच्चा पनीर खाते हैं।
* दोपहर डेढ से दो बजे के बीच भोजन करते हैं। भोजन में तीन से चार चपाती, एक प्लेट स्लाद, लस्सी आधा लीटर, चावल एक कटोरी, सब्जी या दाल एक कटोरी। सब्जी में 50 ग्राम घी डाल लेते हैं।
* शाम को छह से सात साढे सात बजे तक अभ्यास करते हैं। पसीना बहाते हैं। इसके बाद दूध केला का सेक और प्रोटीन लेते हैं। शाम को भोजन के बाद एक किलो गाय का दूध जरूर लेते हैं।
स्टील मैन के रूप में बिजेंद्र पहलवान की है पहचान
पहलवान बिजेंद्र की पहचान स्टील मैन के रूप में बन चुकी है। हाल ही में 26 जुलाई 2021 को शहर के गणमान्य नागरिकों की देखरेख में गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। उनका इस बुक में नाम अपने शरीर पर 1550 हथौड़े खाने पर दर्ज हुआ है। यह इनका विश्व रिकार्ड है। नशा मुक्त समाज की स्थापना के लिए हरियाणा के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी ये साइकिल और मोटरसाइकिल यात्रा निकाल चुके हैं। हजारों लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिला चुके हैं। वह बताते हैं कि पुलिस या सेना में सेवा करने की उनकी चाहत थी लेकिन इसके लिए अवसर नहीं मिला।
उपायुक्त से लेकर मंत्री तक पा चुके हैं सम्मान
पहलवान बिजेंद्र सिंह नशा मुक्त समाज बनाने की सार्थक मुहिम और ताकत के हैरतअंगेज करतब दिखाने के चलते सहकारिता मंत्री हरियाणा सरकार डाक्टर बनवारीलाल के अलावा उपायुक्त व अन्य अधिकारियों से अनेक सम्मान पा चुके हैं। इतना सब वह समाज के लिए कर रहे हैं पर आज तक सरकार ओर किसी अधिकारी ने उनकी सुध नहीं ली और अब तक वह बेरोजारी का दंश झेल रहे हैं और परिवार का मेहनत मजदूरी से ही भरण पोषण कर रहे हैं।
45 से 50 किलो के व्यक्ति को दांतों में पकड़ कर एक किलोमीटर दौड़ना और ट्रेन खींचना है लक्ष्य
बिजेंद्र सिंह बताते हैं कि फिलहाल वह 45 से 50 किलो के व्यक्ति को दांतों में पकड़ कर करीब 200 मीटर दौड़ लेते हैं। इसे बढ़ा कर वह एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक लेकर दौड़ना चाहते हैं। इसके लिए अभ्यास किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनका लक्ष्य है कि ट्रक, टाटा 407 और कैंटर आदि खींचने के साथ ट्रेन को भी खींचें। अपने शक्ति प्रदर्शनों से वह समाज को संदेश देना चाहते हैंं कि नशे से दूर रह कर और नियमित अभ्यास और खानपान का ध्यान रख कर हम अथाह ताकत प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आइये संकल्प लें कि खुद नशे से दूर रह कर समाज को भी नशा मुक्त बनाएंगे। बिजेंद्र बताते हैं कि उन्होंने अखिल भारतीय युवा जन कल्याण संगठन बनाया है जो नेहरू युवा केंद्र से संबंद्ध है। इसके बैनर तले वह नशा मुक्त समाज की मुहिम आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।