गुरनाम चढूनी ने बहादुरगढ़ में बुलाई मीटिंग, हरियाणा किसान मोर्चा ने कहा- हमारा कोई संबंध नहीं

इंटरनेट मीडिया पर गुरनाम चढ़ूनी के नाम से दी जा रही सूचना में यह मीटिंग हरियाणा के किसान संगठनों की होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इसी बीच हरियाणा के कुछ किसान संगठनों ने अलग से संयुक्त मोर्चा गठित किया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:31 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 10:31 AM (IST)
गुरनाम चढूनी ने बहादुरगढ़ में बुलाई मीटिंग, हरियाणा किसान मोर्चा ने कहा- हमारा कोई संबंध नहीं
मोर्चे से जुड़े किसान संगठनों के नेता सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग के लिए जाएंगे।

हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। गुरुनाम सिंह चढ़ूनी पर लगे आरोपों के बीच दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन अब लगातार विवादों में घिरा हुआ है। सरकार की ओर से किसानों के साथ बुधवार को हुई वार्ता में नया प्रस्ताव दिए जाने के बाद से किसान संगठनों में भी रणनीति बनाने का दौर चल रहा है। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढूनी ने बहादुरगढ़ के बाईपास पर हरियाणा के किसान संगठनों की मीटिंग बुला रखी है। लेकिन आंदोलन के बीच गठित हुए हरियाणा किसान संयुक्त मोर्चा ने इस बैठक से संबंध होने से इंकार कर दिया है। मोर्चे से जुड़े किसान संगठनों के नेता सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग के लिए जाएंगे।

इधर, बाईपास पर ही पंजाब के एक किसान संगठन ने भी अपनी मीटिंग बुला रखी है। ऐसे में आज का दिन अहम माना जा रहा है। पिछले दिनों टीकरी बॉर्डर के मंच पर गुरनाम चढूनी के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद से वे इस मंच पर तो नहीं आए हैं, लेकिन हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में धरना स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आज वीरवार को बाईपास पर मीटिंग भी बुला रखी है।

विकास सीसर बोले- चढ़ूनी की मीटिंग से लेना-देना नहीं

इंटरनेट मीडिया पर गुरनाम चढ़ूनी के नाम से दी जा रही सूचना में यह मीटिंग हरियाणा के किसान संगठनों की होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन आंदोलन के बीच हरियाणा के कुछ किसान संगठनों की ओर से अलग से जो संयुक्त मोर्चा गठित किया गया है। उसके संयोजक विकास सीसर ने कहा है कि गुरनाम चढृूनी की इस मीटिंग से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

बूटा सिंह ने बहादुरगढ़ बाईपास पर बुलाई मीटिंग

वहीं पंजाब के किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन दकोंदा के प्रदेश अध्यक्ष बूटा सिंह की ओर से भी आज बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के पास अपने संगठन की मीटिंग ली जा रही है। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से जो कल प्रस्ताव दिया गया था, उसको लेकर किसान संगठन अपने-अपने स्तर पर रणनीति बनाएंगे। 

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