गुरनाम चढूनी बोले- राजनीतिक पार्टियों के तलवे चाटने से कुछ नहीं होगा, सत्ता छीनकर हक लें किसान

गुरनाम चढूनी ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा को हराने से कानून वापस नहीं होंगे। अगर ये कानून वापस हो भी जाए तो भी हमारे डेथ वारंट वापस होंगे। अगर किसान को वेंटिलेटर से उतारना है उसका संपूर्ण इलाज करना है हमें वोट लुटेरे गिरोह से सत्ता छीननी होगी।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 04:22 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 04:22 PM (IST)
गुरनाम चढूनी बोले- राजनीतिक पार्टियों के तलवे चाटने से कुछ नहीं होगा, सत्ता छीनकर हक लें किसान
किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा मिशन पंजाब जारी रहेगा, सर छोटूराम ने सत्ता में आकर ही किया था भला

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाहिर करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित किए गए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को यहां के राेहद से किसान यात्रा निकालकर अपनी ताकत का एहसास कराया है। सैंकड़ों की संख्या में वाहनों के काफिले के साथ सिघु बार्डर के लिए रवाना होने से पूर्व गुरनाम चढूनी ने सर छोटूराम की धरती से किसानों को उनकी तरह राजनीति में आने का आह्वान कर एक बार फिर से अपने इरादे साफ किए हैं। उन्हाेंने कहा कि मिशन पंजाब जारी रहेगा।

चढूनी ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा को हराने से कानून वापस नहीं होंगे। ऐसा मेरा अनुभव कहता है। अगर ये कानून वापस हो भी जाए तो भी हमारे डेथ वारंट वापस होंगे। हम वेंटिलेटर से नहीं उतरेंगे। अगर किसान को वेंटिलेटर से उतारना है, उसका संपूर्ण इलाज करना है तो फिर हमें वोट लुटेरे गिरोह से सत्ता छीननी होगी। उन्होंने पंजाब का ही उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर 80 से 90 लाख वोट किसानों की हैं, जबकि यहां पर 69 लाख वोट से ही सरकार बनी। सरकार बनाने के काबिल वोट तो इन्हीं के हैं। कहीं नहीं जाना। सड़क पर नहीं बैठना। किसी से टक्कर नहीं लेनी। अपनी वोट अपने पास डाल ल्यो, बस हो गया काम।

अगर ये काम नहीं कर सकते और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के तलवे चाटने के लिए ही जाते हैं तो फिर सड़क पर क्यों बैठे हैं। इसलिए बुरे लोगों को सत्ता से बेदखल करने के लिए अच्छे लोगों को राजनीति में आना होगा। रोहद में सर छोटूराम को याद करते हुए गुरनाम चढ़नी ने कहा कि अगर वे सत्ता में नहीं होते तो क्या कोई किसान का भला कर सकता था। बाबा आंबेडकर ने सत्ता में आकर ही मजदूरों का भला किया। इस बात को संयुक्त मोर्चा को समझाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बात सारे थोड़ी ही समझते हैं।

मोर्चा ने हमें सजा दी वह हमने आंदोलन को दो फाड़ होने से बचाने के लिए भुगत ली। उधर, खालिस्तान के खिलाफ बोलने से चढूनी बचते रहे। उन्होंने कहा कि कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन पर न बोले तो गलत और बोले तो भी गलत। पत्रकारों के इस सवाल पर चढूनी ने इसे विवादित भी करार दिया और इस तरह की बातें न पूछने की बात कही। चढूनी ने कहा कि देश के आगे बढ़ने वाली बात पूछो, वो बात नही जिससे डंडा बजे।

सरकार और किसानों काे दिया चढूनी ने संदेश:

रोहद टोल से अपनी अगुवाई में सिंघु बार्डर के लिए किसानों का काफिला रवाना करने से पहले गुरनाम चढूनी ने किसान और सरकार दोनों को संदेश भी दिया। सरकार को ये कि किसान अभी सोए हुए नही हैं। किसानों को ये कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में उन्होंने आंदोलन से जुड़े रहने का संदेश किसानों का दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राएं भविष्य में भी होंगी। पांच अगस्त को कैथल से, 15 को शाहाबाद से तथा 20 को आनंदपुर साहिब से किसान यात्रा निकाली जाएंगी। चढूनी ने कहा कि भाजपा की तिरंगा यात्रा का किसान विरोध नहीं करेंगे। चढूनी ने कहा तिरंगा यात्रा के बहाने भाजपा किसानों से टकराने के बहाना ढूंढ रही है। तिरंगे के बहाने भाजपा की गांवों में घुसने की योजना है। भाकियू मान गुट के गुनीप्रकाश के बयान पर चढूनी बोले कि वो मेरे खिलाफ अनाप-शनाप बोलकर टीआरपी लेना चाहते हैं। गुनीप्रकाश पहले भी पिट चुके हैं और हो सकता है गांव में फिर किसी से पिट जाएं।

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