गाइडलाइन जारी, ओपीडी से पहले कोरोना जांच जरूरी
ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर कोरोना रिपोर्ट लागू की।
जागरण संवाददाता, हिसार: ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर ओपीडी में जांच के लिए आने वाले लोगों के लिए कोरोना रिपोर्ट जरुरी कर दी है। हालांकि यह नियम अभी कुछ ओपीडी में ही फालो किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में स्वास्थ्य मुख्यालय की तरफ से ऐसी गाइडलाइन जारी की गई थी। जिसके बाद से प्रत्येक ओपीडी में मरीजों को जांच करवाने के लिए पहले कोरोना का टेस्ट करवाना पड़ता था, इसके बाद रिपोर्ट आने पर ओपीडी में मरीजों की जांच की जाती थी। लेकिन इससे मरीजों को परेशानी भी उठानी पड़ती थीं, क्योंकि एक तो वे किसी बीमारी के लिए सिविल अस्पताल में चेकअप के लिए आते थे, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें अपनी बीमारी की बजाय पहले कोरोना टेस्ट करवाना पड़ता था, इसमें समय अधिक लगता था, क्योंकि सिविल अस्पताल में पहले फ्लू क्लीनिक में मरीज को कोरोना सैंपल के लिए फार्म भरवाना पड़ता और उसके बाद कोरोना सैंपल की जांच के लिए कोरोना वार्ड में जाकर सैंपल करवाना पड़ता, सैंपल के लिए लंबी लाइनें लगती थी, जब तक सैंपल होता, तब तक तो ओपीडी का समय भी बीत जाता, ऐसे में मरीज जिस बीमारी के लिए चेकअप करवाने आते थे, उस बीमारी का इलाज ही नहीं हो पाता था। इसी नियम को सिविल अस्पताल में दोबारा से लागू कर दिया गया है। ओमिक्रोन के बढ़ते केसों को देखते हुए स्वास्थ्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सीएमओ को गाइडलाइन जारी कर दी है।
वार्ड वाइज भी सैंपलिग बढ़ाई
स्वास्थ्य विभाग ने वार्ड वाइज भी सैंपलिग बढ़ाने के आदेश दिए है। विभाग की तरफ से अब प्रतिदिन करीब दो हजार के करीब सैंपलिग की जा रही है। सिविल अस्पताल में, शिक्षण संस्थानों में भी सैंपलिग अभियान चलाया जा रहा है।