भिवानी में बढे़गी हरियाली, सात लाख पौधे लगाने में जुटा वन विभाग, सामाजिक संगठनों का ले रहे सहयोग

भिवानी क्षेत्र को हरा भरा करने में जुटा है। इसके तहत सात लाख 82 हजार 42 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें वन महोत्सव के दिन करीब तीन लाख पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा बाकी पौधे भी लगाने के लिए वन विभाग जोरशोर से लगा हुआ है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 04:48 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 04:48 PM (IST)
भिवानी में बढे़गी हरियाली, सात लाख पौधे लगाने में जुटा वन विभाग, सामाजिक संगठनों का ले रहे सहयोग
भिवानी में सात लाख पौधे लगाए जाने से हरियाली बढ़ेगी

जागरण संवाददाता, भिवानी :  बरसाती सीजन में वन विभाग वन क्षेत्र बढ़ाने और भिवानी क्षेत्र को हरा भरा करने में जुटा है। इसके तहत सात लाख 82 हजार 42 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें वन महोत्सव के दिन करीब तीन लाख पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा बाकी पौधे भी लगाने के लिए वन विभाग जोरशोर से लगा हुआ है। मानसून सीजन में पौधे जल्‍दी बड़े होते हैं तो उन्‍हें पोषण भी पूरा मिलता है। इसलिए इतनी संख्‍या में लगाए जाने वाले पौधे बेहद फायदेमंद साबित होंगे।

सामाजिक संगठनों का लिया जा रहा सहयोग

वन विभाग लक्ष्य को हासिल करने के लिए सामाजिक संगठनों, एजीओ आदि का सहयोग ले रहा है। इसके अलावा स्कूलों, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय आदि में भी पौधे लगाए जा रहे हैं। सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधे लगाएं।

किस नर्सरी से कितने पौधे उठाए और उनको रोपित किया

सभी विभागों को अधिक से अधिक पौधे लगाने को लेकर नर्सरियों से पौधे उठाने के लिए कहा गया है। उनका यह भी कहा गया है कि किस नर्सरी से कितने पौधे उठाए इसके बारे में अपडेट करना भी जरूरी है। इतना ही नहीं पौधे लगाए या नहीं इसके लिए पौधे लगाते हुए उसकी फोटो करके उसको विभागीय इ मेल पर रिपोर्ट करना अनिवार्य किया गया है।

जिला में वन क्षेत्र बढ़ाने के साथ पूरी तरह से हरा भरा बनाने के लिए पूरी तैयारी की गई है। सबको पौधे लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। सबका सहयोग लिया जा रहा है। सबके सहयोग से ही सात लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। हम सबसे आग्रह करते हैं कि वे बरसाती सीजन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं। वर्तमान मेें महामारी के दौर में तो पौधों का होना और ज्यादा जरूरी हो गया है।

कैलाश, रेज अाफिसर

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