ग्रेजुएट किसान ने उगाई काली गेहूं, शुगर व ह्रदय रोग में रामबाण, देखने वालों का लगा तांता

काली गेहूं को अभी तक सरकार ने खरीदना शुरू नहीं किया है। लेकिन इसकी मार्केट में बहुत अधिक मांग है। सामान्य गेहूं से इसमें अधिक इसमें पोषक तत्व होते हैं। इसकी रोटियां भूरी बनती हैं।

By manoj kumarEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 12:48 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 11:13 AM (IST)
ग्रेजुएट किसान ने उगाई काली गेहूं, शुगर व ह्रदय रोग में रामबाण, देखने वालों का लगा तांता
ग्रेजुएट किसान ने उगाई काली गेहूं, शुगर व ह्रदय रोग में रामबाण, देखने वालों का लगा तांता

फतेहाबाद [राजेश भादू]। गेहूं का रंग सब जगह एक जैसा ही हाेता है। मगर गेहूं का रंग काला हो तो, सोचने में शायद अजीब लगे। मगर हरियाणा के फतेहाबाद जिले के एक किसान ने काले रंग की गेहूं उगाई है। गेहूं का रंग  काला ही नहीं बल्कि भूरे रंग की तुलना में यह काले रंग की गेहूं कहीं ज्‍यादा पौष्टिक और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भी है। किसान विष्णु ने बताया कि वह पंजाबी ऑनर्स से ग्रेजुएट है। पढ़ाई के बाद अपनी पुश्तैनी 16 एकड़ जमीन में खेती कर रहा है। जिसमें से इस बार उन्होंने 3 एकड़ में काली गेहूं की खेती की है।

रंग काला, रोटियां बनती भूरे रंग की

गांव मोहम्मदपुररोही के किसान विष्णु मांझू ने काली गेहूं की खेती की है। जो अब पककर तैयार हैं। आगामी सप्ताह में मार्केट में बेचने के लिए तैयार हो जाएगी। पहली बार क्षेत्र के किसान ने काली गेहूं की फसल बोई है तो उसे देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। वैसे तो काली गेहूं की फसल एकदम अन्य गेहूं की तरह लगती है, लेकिन बालों के अंदर गेहूं काली है और जिसकी रोटी भूरी बनती है।

शुगर और दिल की बीमारी के लिए रामबाण

काली गेहूं को अभी तक सरकार ने खरीदना शुरू नहीं किया है। लेकिन इसकी मार्केट में बहुत अधिक मांग है। सामान्य गेहूं से इसमें अधिक इसमें पोषक तत्व होते हैं। जो शुगर व ह्रदय रोग के मरीजों के लिए लाभदायक है। इन रोगों के मरीजों को चिकित्सक भी इस गेहूं की रोटी खाने का परामर्श देते हैं। जिसके चलते मांग बढ़ गई है। उसके खेत में भी लोग इस गेहूं देखने व खरीदने के लिए आ रहे है।

दोस्‍त से प्रेरित होकर शुरू की इसकी खेती

किसान विष्णु मांझू ने बताया कि काली गेहूं का बीज पंजाब के शहर अबोहर से अपने मित्र प्रशांत गोदारा लेकर आए। प्रशांत लंबे समय से इसकी खेती कर रहा है। इस गेहूं की खेती भी अन्य गेहूं की किस्मों की तरह होती है। गेहूं का दाना काला होता है। उसकी गेहूं की फसल अगले सप्ताह में पककर तैयार हो जाएगी। विष्णु ने बताया कि इस बार हिसार की एचएयू ने काफी जगह पर इसकी खेती करवाई है।

मानकों पर खरी उतरती है काली गेहूं

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. संदीप भाखर ने बताया कि जिस काली गेहूं की खेती किसान कर रहे है। इसमें सामान्य गेहूं के मुकाबले अधिक पोषक मौजूद हैं। जिसके चलते इसकी अच्छी मांग है। फिलहाल सरकार ने इसे खरीदना शुरू नहीं किया है। मगर प्रमाणिकता के आधार पर भी गेहूं खरी उतरती है।

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