सिरसा में 35 सालों तक किराएदार रहने वाले गोयल बंधुओं ने दुकान की चाबी शनिदेव मंदिर में की अर्पित

अर्जुन गोयल 35 सालों से मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकान करते थे। उनके देहांत के बाद कुछ समय तक उनके बेटों ने भी दुकान की। फिर दोनों ही भाइयों की बैंकों में जॉब लग गई। जिसके बाद उन्होंने दुकान को मंदिर के सुपुर्द करने का निर्णय लिया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 10:56 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 10:56 AM (IST)
सिरसा में 35 सालों तक किराएदार रहने वाले गोयल बंधुओं ने दुकान की चाबी शनिदेव मंदिर में की अर्पित
दो भाइयों की नौकरी लगी तो 35 साल पुरानी कम किराए में मिली दुकान भी मंदिर को सुपुर्द कर दी

जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा के नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर की दुकान में पिछले 35 सालों से दुकान कर रहे अर्जुन दास गोयल के बेटों ने दुकान की चाबी व बकाया किराया भगवान शनिदेव जी के चरणों में अर्पित किया। मंदिर पुजारियों ने उनकी नेक नीयत की सराहना की और ईश्वर से उनके परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की। वर्णनीय है कि अर्जुन गोयल 35 सालों से मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकान करते थे। उनके देहांत के बाद कुछ समय तक उनके बेटों अतुल गोयल व केशव गोयल ने भी दुकान की। नेक नीयत व मेहनत की बदौलत दोनों ही भाइयों की बैंकों में जॉब लग गई।

जिसके बाद उन्होंने दुकान को मंदिर के सुपुर्द करने का निर्णय लिया। अर्जुन गोयल के छोटे भाई महेंद्र, भतीजे तथा अर्जुन के छोटे बेटे केशव गोयल ने मंदिर में पहुंच कर पूजा की और अपनी दुकान की चाबी तथा दुकान का बकाया किराया, बिजली के बिल की राशि मंदिर पुजारियों दीपक भार्गव, चंद्रमोहन भार्गव, राजकुमार भार्गव, वेदप्रकाश भार्गव को सुपुर्द कर दी। केशव गोयल ने बताया कि वे आज जिस मुकाम पर है, उसमें भगवान शनिदेव का बहुत आशीर्वाद है। उन्होंने कभी भी मंदिर की दुकान कब्जाने का नहीं सोचा। मंदिर पुजारियों ने भी उनका सहयोग किया। आज मंदिर की दुकान की चाबी भगवान के श्रीचरणों में अर्पित कर उन्हें अपार खुशी हो रही है।

जल्द शुरू करेंगे मंदिर का पुर्न निर्माण

नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर के पुजारियों ने बताया कि मंदिर का जल्द ही पुर्न निर्माण शुरू करवाया जाएगा। मंदिर के गुंबद, महामंदिर तथा बाहर गेट का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि करीब 170 वर्ष पुराने यह मंदिर श्रद्धालुआें की आस्था का केंद्र है। सैंकड़ों वर्ष पुराने इस मंदिर का पुर्न निर्माण का इसे भव्य रूप दिया जाएगा।

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