नदीम को पहली जिंदगी अल्लाह ने दी, दूसरी इंसानियत ने

बोरवेल में गिरे 15 महीने के नदीम की सलामती की दुआ कर रही मां गुलशन की आंखें बच्चे को बाहर निकालने की बात सुनते ही खुशी से छलक पड़ीं।

By manoj kumarEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 03:08 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 03:08 PM (IST)
नदीम को पहली जिंदगी अल्लाह ने दी, दूसरी इंसानियत ने
नदीम को पहली जिंदगी अल्लाह ने दी, दूसरी इंसानियत ने

मनोज कौशिक, हिसार

बोरवेल में गिरे 15 महीने के नदीम की सलामती की दुआ कर रही मां गुलशन की आंखें बच्चे को बाहर निकालने की बात सुनते ही खुशी से छलक पड़ीं। दो दिनों से भूखी-प्यासी गुलशन बदहवासी में जरूर थी, मगर फडफ़ड़ाते होंठो से अल्लाह का शुक्रिया करना नहीं भूली। जिन ग्रामीणों ने नदीम को बचाने के लिए दिन-रात सहयोग किया उन्हें मां गुलशन ने मसीहा बताया। गुलशन ने कहा कि नदीम को आज दूसरा जन्म मिला है। एक अल्लाह ने दिया और दूसरा इंसानियत ने। गुलशन ने कहा विशेष समुदाय से होने के बावजूद जिस तरह से लोगों ने हमारी मदद की है उसे देख दुआएं निकल रही हैं। बस इतना कहते ही नदीम की मां गुलशन की आंखे भर आईं और वो कुछ नहीं बोल सकी।

दो दिनों के बाद दादी जरीना ने पी चाय

दादी जरीना नदीम को अपनी आंखों से एक पल के लिए भी ओझल नहीं होने देती थी। दादी हादसे वाले दिन किसी के यहां शोक जताने गांव से बाहर गई थीं। जब तक वापस लौटी तो नदीम बोरवेल में गिर चुका था। नदीम की दादी जरीना इस सदमे को सह नहीं पाई और गुमसुम होकर बैठ गई। पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे नदीम को उन्होंने कलेजे का टुकड़ा बताया। बार-बार वह यही बात दोहराती रही कि मैं गई तो नदीम बोरवेल में गिरा। इसके बाद दो दिनों तक नदीम की दादी ने कुछ नहीं खाया पिया। जब नदीम को बाहर निकाला गया तो दादी ने चाय पी ली।

दादा बोले, जहां हिंदु मुस्लिम में तनाव हो, वहां नदीम की घटना जरूर बताना

नदीम के दादा सुल्तान ने ग्रामीणों के सहयोग को बार-बार सराहा। बिना सोए ग्रामीणों ने जिस तरह से काम किया उस पर बोलते हुए सुल्तान ने कहा कि जहां हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव नजर आए वहां नदीम के किस्से को जरूर बताना, वहां नफरतें नहीं रहेगी। उन्होंने इंसानियत को धर्म से बड़ा बताते हुए प्रशासन, आर्मी, एनडीआरएफ और ग्रामीणों का आभार जताया।

दूसरे गांवों से पहुंचे लोग, महिलाएं छतों से नीचे न उतरीं

नदीम के बोरवेल में गिरते ही होली का त्योहार फीका हो गया। नदीम के बोरवेल में गिरने की खबर आसपास के गांवों में फैल गई। दूसरे गांवों के लोग घटनास्थल पर महज पहुंचे ही नहीं बल्कि वहीं डटे रहे। नदीम के परिवार की महिलाएं और आसपास की ढाणियों की महिलाएं नदीम का हाल जानने के लिए घर की छत पर बैठीं रही। वहीं शुक्रवार को करीब 100 से ज्यादा महिलाएं घटनास्थल पर मौजूद रहीं, जो नदीम के बाहर निकाले जाने के बाद ही घर लौटी।

लोग बोले- चमत्कार होते देखा है, मगर ऐसा नहीं

जब नदीम को सुरक्षित बाहर निकाला गया तो लोग खुशी से फूले नहीं समाए। लोगों ने कहा कि चमत्कार होते देखे हैं मगर ऐसा चमत्कार पहली बार देखा। नरेश, रामकुमार, भूप, बजरंग, दिलबाग, महेंद्र ने कहा कि महज 15 महीने का बच्चा दो दिनों तक बिना खाए पीए 60 फीट नीचे रहा और बच गया ये घटना देख विश्वास  यकीन में बदल गया कि भगवान हो या अल्लाह दुनिया में है जरूर।

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