एक बार फिर से भिड़े जीजेयू के कर्मचारी, पुलिस ने पकड़ा तो किया थाने में किया समझौता
जागरण संवाददाता हिसार गुरु जंभेश्वर तकनीकि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के डिस्टेंस
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर तकनीकि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के डिस्टेंस एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर ओपी सांगवान के कार्यालय में बुधवार की शाम को दो पक्षों में हुआ विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि वीरवार को फिर से कर्मी आपस में भिड़ गए। मामला इतना बढ़ गया कि कुलपति ऑफिस के बाहर भीड़ जमा हो गई वहीं मामला पुलिस चौकी तक पहुंच गया। इन कर्मचरियों का स्थानांतरण खेल विभाग में कर दिया गया है।
दरअसल, एक दिन पूर्व की घटना में विवि प्रशासन ने जो कार्रवाई की थी, इसके विरोध में रामफल वीसी कार्यालय के सामने अपने साथियों के साथ विरोध में धरने पर बैठ गए। उन्होंने डिस्टेंट विभाग के निदेशक को हटाने की मांग की। धरने से पहले कमेटी रूम में विजेंद्र सिहाग और रामफल के पक्ष के लोग एकत्रित हुए। वहां पर रामफल और विजेंद्र में हाथापाई हो गई। इस स्थिति को देखकर किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। जीजेयू पुलिस चौकी से पुलिस पहुंची और मामले को बढ़ता देखकर सिटी थाना से एसएचओ कप्तान सिंह खुद मौके पर पहुंचे।
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सिटी एसएचओ के सामने भी लड़ने लगे कर्मचारी
वहां उनके सामने भी दोनों पक्ष लड़ने लगे। एसएचओ दोनों को पकड़कर सिटी थाना ले गए। वहां दोनों पक्षों ने समझौता करने के प्रयास किए। समझौते के बाद दोनों पक्षों को पुलिस ने छोड़ दिया। इसके बाद रामफल लोहान दोबार वीसी कार्यालय के सामने फिर धरने पर बैठ गए। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार की शाम को हुए विवाद में आरोप है कि दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे को जातिगत शब्द बोले गए। मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान हाथापाई की नौबत आ गई थी। जिसके बाद कुलपति ने मामले में तीन कर्मचारियों का विभाग से ट्रांसफर कर दिया।
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रामफल लोहान पहले भी किए जा चुके है सस्पेंड
डिस्टेंस विभाग के रामफल लोहान को विवि में पहले भी रजिस्ट्रार कार्यालय में अपने उपर तेल डालकर आग लगाने का प्रयास करने और हंगामा करने के मामले में सस्पेंड किया जा चुका है। इनकी विवि में अनुमति पर भी पाबंदी लगाई थी। हालांकि इसके कुछ समय बाद प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
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इस मामले में जांच कराने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। वहीं कर्मचारियों के ट्रांसफर के बाद उन्हें खेल विभाग में भेजा गया है।
-प्रो. टंकेश्वर, कुलपति, जीजेयू ।