प्रेमिका का फर्जी आधार कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र बनाकर रचा ली शादी, सुरक्षा मांगी तो अदालत को हुआ शक

प्रेमी ने लड़की का जाली आधार कार्ड तथा जन्म प्रमाण पत्र बनाया। जिसमें उसे बालिग दर्शाया। जाली कागजात के आधार पर मंदिर में शादी रचा ली। वकील के जरिए सैशन कोर्ट सिरसा में पहुंचकर सुरक्षा मांगी। अदालत को जन्म प्रमाण पत्र संदेह हुआ तो जांच करवाई और सच सामने आया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 04:19 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:20 PM (IST)
प्रेमिका का फर्जी आधार कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र बनाकर रचा ली शादी, सुरक्षा मांगी तो अदालत को हुआ शक
नाबालिगा से शादी रचाने वाले व जाली कागजात तैयार करने के दो आरोपित काबू

संवाद सहयोगी, डबवाली। प्रेमिका की कम उम्र शादी में बाधा बन रही थी। प्रेमी ने उसका जाली आधार कार्ड तथा जन्म प्रमाण पत्र बनाया। जिसमें उसे बालिग दर्शाया। जाली कागजात के आधार पर मंदिर में शादी रचा ली। वकील के जरिए सैशन कोर्ट सिरसा में पहुंचकर सुरक्षा मांगी। अदालत को जन्म प्रमाण पत्र संदेह हुआ तो जांच करवाई तो सच सामने आ गया। पुलिस ने नाबालिगा से शादी रचाने वाले तथा जाली कागजात तैयार करने के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हैरत भरा यह मामला सिरसा जिला के गांव डबवाली का है।

गांव लखुआना निवासी राजकुमार उर्फ राजू साल भर से एक लड़की को प्रेम करता आ रहा था। दोनों शादी को तैयार थे। लड़की की उम्र 17 साल थी। जो शादी में आड़े आ रही थी। राजू ने गांव गोरीवाला में उपतहसील कार्यालय के सामने कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) चलाने वाले दोस्त खुइयांमलकाना गांव निवासी सुनील उर्फ सन्नी को बात बताई।

सन्नी ने जाली जन्म प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड तैयार करवाने से लेकर शादी रचाने तथा वकील देने का सौदा 35000 रुपये में कर लिया। योजना अनुसार को गोरीवाला में सन्नी ने उपरोक्त जाली दस्तावेज राजू को दे दिए। 15 जून को वह शादी के लिए लड़की को भगा ले गया। 16 जून को योजना अनुसार वह सिरसा पहुंचा।

बरनाला रोड पर स्थित मंदिर में शादी रचाई। गवाह के तौर पर गांव लखुआना निवासी बलजिंद्र सिंह, भूपिंद्र सिंह मौजूद थे। फिर सिरसा अदालत में पहुंचे। वहां वकील के साथ अदालत में गए। शादी के बाद नाबालिगा को लेकर आरोपित राजू हनुमानगढ़ चला गया। वहां उसके साथ किराए के मकान में रहने लगा।

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यूं हुआ खुलासा

सुरक्षा के लिए आरोपित ने जो दस्तावेज अदालत में जमा करवाए थे। उस पर अदालत को संदेह हुआ। सदर थाना डबवाली पुलिस के अनुसार लड़की के जन्म प्रमाण पत्र में रानिला (चरखीदादरी) लिखा हुआ था। जबकि लड़की का गांव सिरसा जिला में था। 23 जून को अदालत में केस की सुनवाई थी। पुलिस से जवाब मांगा गया था, साथ ही लड़की के स्वजन पहुंच गए। अदालत के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए तो सच सामने आ गए। पुलिस ने आरोपित राजू को गिरफ्तार कर लिया। जबकि नाबालिगा को वन स्टॉप सेंटर सिरसा में भेज दिया। 24 जून को पुलिस ने राजू को डबवाली अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित का दो दिवसीय पुलिस रिमांड जारी किया। निशानदेही के आधार पर पुलिस ने सुनील उर्फ सन्नी को धर दबोचा। शुक्रवार को उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने उसका भी एक दिन का पुलिस रिमांड जारी किया। दोनों को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

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कागजों में यूं बढ़ा दी किशोरी की उम्र

गांव खुइयांमलकाना निवासी सुनील उर्फ सन्नी (22) ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह तीन साल से सीएससी चला रहा है। राजू ने कार्यालय में शीशे का दरवाजा लगाया था। तब से वह उसे जानता है। 10-11 जून को राजू गोरीवाला में उसके पास आया था। उसके साथ भूपेंद्र नेहरा निवासी लखुआना भी था। उसने किशोरी का आधार कार्ड लेकर उसे स्कैन किया। जन्म तिथि 2004 से 2002 कर दी। इसके बाद आनलाइन डेटा से एक जन्म प्रमाण पत्र चुना। उसमें लड़की का पता दर्शाते हुए जन्म तिथि 12 जुलाई 2002 कर दी। जिससे उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो गई। 15 जून को उपरोक्त दोनों पुन: उसके पास आए। 15 हजार रुपये राजू ने गूगल पे एप के जरिए उसके बैंक खाता में ट्रांसफर कर दिए। 16 जून को सिरसा अदालत में 15 हजार रुपये नकद दिए। जिसमें से 10 हजार रुपये वकील को दिए। जबकि शादी करवाने के लिए बतौर दक्षिणा पंडि़त को एक हजार रुये दिए थे।

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लड़की का जन्म प्रमाण पत्र रनीला (चरखी दादरी) का बनाया दर्शाया गया था। इस वजह से अदालत को संदेह हुआ। जांच में आरोपित राजू तथा सन्नी ने सारी सच्चाई उगल दी। नाबालिगा से शादी रचाने के लिए सारा खेल रचा गया था। अन्य आरोपितों की तालाश जारी है। जाली दस्तावेज तैयार करने वाले सामान को बरामद किया जाना है। साथ ही अन्य आरोपितों का पता किया जाना है। इसलिए दोनों का रिमांड लिया गया है। पुजारी तथा वकील को शामिल जांच किया जाएगा।

- देवीलाल, प्रभारी, सदर थाना डबवाली

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