हिसार के एचएयू में तैयार किया अदरक और मशरूम का ब्रेड, स्वाद लाजवाब, दूर भागेगी बीमारी
एचएयू में तैयार इस स्पेशल ब्रेड को बनाने में लगभग 40 रुपये से भी कम की लागत आती है तो बाजार में इसके एक पैकेट बिक्री 40 रुपये के रेट में की जा सकती है। जोकि बड़े ब्रांडों के ब्रेड से भी काफी सस्ता रहेगा।
हिसार [वैभव शर्मा]। एक आइडिया कभी भी आपकी जिंदगी बदल सकता है। यह आपको सामान्य आदमी से बिजनेसमैन भी बना सकता है। ऐसे ही लोगों के सपने पूरे करने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय नाबार्ड के सहयोग से चल रहे एग्री बिजनेस इन्क्यूवेशन सेंटर (एबिक) ने नया प्रयोग किया है। एबिक की टीम ने अदरक और मशरूम के ब्रेड तैयार किए हैं। यह स्वाद में तो अच्छे हैं साथ ही शारीरिक रूप से भी आपको फिट रखने का काम करेगा।
यह प्रयोग लोगों काे काफी पसंद आ रहा है। हालांकि अभी तक इस प्रोडक्ट की मार्केटिंग पर काम नहीं किया गया है। ट्रायल के रूप से इसे लोगों को प्रदर्शित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस ब्रेड पर और भी प्रयोग किए जाएंगे। इस ब्रेड को बनाने में लगभग 40 रुपये से भी कम की लागत आती है तो बाजार में इसकी 40 रुपये के रेट में एक पैकेट बिक्री की जा सकती है। जोकि बड़े ब्रांडों के ब्रेड से भी काफी सस्ता रहेगा। इस मॉडल को इसलिए बनाया गया है ताकि युवा आगे आएं और यहां से सीखकर खुद का स्टार्ट-अप कर सकें।
मल्टी ग्रेन ब्रेड में भी किए हैं बदलाव
एबिक की टीम ने अदरक ही नहीं बल्कि मल्टीग्रेन ब्रेड को भी बनाया है। मार्केट में जिस प्रकार के मल्टी ग्रेन ब्रेड आते हैं उसमें कंपनियां अक्सर मल्टी ग्रेन को ब्रेड के ऊपर ही दिखाने के लिए लगाती हैं। मगर भीतर से यह सामान्य ब्रेड की तरह ही होते हैं। ऐसे में एबिक की टीम ने मल्टी ग्रेन को ब्रेड के भीतर डाला है ताकि लोग अगर खाएं तो उन्हें अनाज पर्याप्त मात्रा में मिल सके। इसके रेट भी बाजार से काफी कम तय किए गए हैं।
35 लाख रुपये से स्थापित हुई है बेकरी
एबिक की नोडल अफसर डा. सीमा रानी व तकनीकी मैनेजर एवं बेकरी यूनिट के इंचार्ज इंजीनियर अर्पित तनेजा ने बताया कि एबिक सेंटर में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ 35 लाख रुपये से एक विशेष बेकरी यूनिट तैयार हुई है। इस यूनिट में ब्रेड, कुकीज, पेस्टी आदि प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं। यहां युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वह भी इस तरह से यूनिट लगाकर खुद का व्यापार कर सकें। इसके साथ ही युवाओं के नए प्रोडक्ट को एबिक अपनी यूनिट की सहायता भी देगा। यहां युवा अपना प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं। छह-छह माह के लिये इस यूनिट का युवाओं को प्रयोग करने का अवसर मिलेगा।
यह है एबिक का उद्देश्य
कुलपति प्रो समर सिंह ने बताया कि एबिक से जुडक़र स्टार्ट- अप करने की सोच रखने वाला युवा अपने व्यवसाय को नए आयाम दे सकते हैं। एबिक की टीम उन्हें इसके लिए मेंटर से प्रशिक्षण दिलवाना, चार्टड अंकाउंटेंट, पंजीकरण आदि विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद करेगी। इसके अलावा एबिक के साथ पंजीकृत होने के उपरांत उन्हें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी आधुनिक तकनीकों के बारे में समय-समय पर जागरूक व प्रशिक्षित करते रहेंगे।