हिसार में बेसहारा पशुओं से मिलेगी मुक्ति, उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश, 40 लाख रुपये होंगे खर्च
हिसार उपायुक्त ने पशु क्रूरता निवारण समिति के फंड से 40 लाख रुपये की धनराशि नगर निगम द्वारा संचालित गौभ्यारण्य व नंदीशाला में बेसहारा गौवंश की बेहतर देखभाल चारा उपचार एवं दवाईयों की खरीद के लिए उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं।
हिसार, जेएनएन। हिसार में लावारिस पशुओं की समस्या से निजात मिलने की राह नजर आ रही है। इसके लिए अब हिसार डीसी सजग नजर आई हैं। हालांकि देखना ये होगा कि उपायुक्त की संजीदगी पर अधिकारी कितने खरे उतरते हैं। उपायुक्त एवं पशु क्रूरता निवारण समिति की चेयरमैन डॉ. प्रियंका सोनी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं को पकडक़र ढंढूर के गौभ्यारण्य तथा अन्य गौशालाओं में आश्रय उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा समय-समय पर ऐसे सभी पशुओं की टैगिंग, टीकाकरण व उचित उपचार की व्यवस्था का सुनिश्चित किया जाए। शुक्रवार को पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह निर्देश जारी किए।
उपायुक्त ने पशु क्रूरता निवारण समिति के फंड से 40 लाख रुपये की धनराशि नगर निगम द्वारा संचालित गौभ्यारण्य व नंदीशाला में बेसहारा गौवंश की बेहतर देखभाल, चारा, उपचार एवं दवाईयों की खरीद के लिए उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीसीए एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार जीव जन्तुओं पर क्रूरता को रोकना समिति के सभी सदस्यों का दायित्व है, इसलिए ऐसे मामलों कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
इस अवसर पर उपनिदेशक एवं एसपीसीए सचिव राजेन्द्र प्रसाद वत्स, नगर निगम प्रतिनिधि डॉ. अजीत सिंह कुण्डू, पशुुपालन एवं डेयरी विभाग के उपमण्डल अधिकारी डॉ. रविन्द्र कौशिक, वैटनरी सर्जन डॉ. रामफल कुण्डू, डॉ. मनीष यादव, डॉ. संजय कुमार, उपअधीक्षक पूरण सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
बता दें कि हिसार में लावारिस पशुओं की समस्या सालों से बनी हुई है। हर चौक चौराहे पर लावारिस पशु घूमते हुए नजर आते हैं। वहीं इनके कारण शहर में कई तरह के हादसे हो चुके हैं। हाल में ही एक युवक के सीने में सांड का सींग घुस गया थ और उसकी मौत हो गई थी।