दूध के धंधे में धोखे की मिलावट, हिसार में 22 लाख रुपये का कर दिया गबन

राजकीय पशुधन फार्म (जीएलएफ) में बड़ी गड़बडी सामने आई है। यहां कांट्रेक्ट पर लगे चालक प्रदीप ने दूध खरीदने में जीएलएफ को 22.7 लाख रुपये का चूना लगा दिया है। सिर्फ यही नहीं बल्कि झूठी हाजरी लगाकर 1.27 लाख की धोखाधड़ी कर चुका है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 01:10 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 01:10 PM (IST)
दूध के धंधे में धोखे की मिलावट, हिसार में 22 लाख रुपये का कर दिया गबन
राजकीय पशुधन फार्म (जीएलएफ) में बड़ी गड़बडी सामने आई है।

हिसार, जेएनएन। जहां मौका मिलता है वहीं पर लोग धोखे का खेल खेलते हैं। अब राजकीय पशुधन फार्म (जीएलएफ) में बड़ी गड़बडी सामने आई है। यहां कांट्रेक्ट पर लगे चालक प्रदीप ने दूध खरीदने में जीएलएफ को 22.7 लाख रुपये का चूना लगा दिया है। सिर्फ यही नहीं बल्कि झूठी हाजरी लगाकर 1.27 लाख की धोखाधड़ी कर चुका है। इस मामले की पिछले छह महीने से जांच चल रही थी। अब जांच रिपोर्ट आने पर प्रदीप को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही एफआइआर और रिकवरी की तैयारी भी की जा रही है। इसके साथ ही प्रदीप के फार्म में घुसने तक पर रोक लगा दी गई है। मामला इतना संगीन है कि खुद अधिकारियों को भी हैरत हो रही है। उनका कहना है कि एक बार इसकी कंपनी ने उसको ब्लैक लिस्ट किया फिर यह अपने रिश्तेदारों की फर्म के जरिए ठेका ले लेता।

जांच में यह तथ्य आए सामने

राजकीय पशुधन फार्म के मुख्य अधीक्षक एसके बागौरिया ने बताया कि प्रदीप ने सबसे पहले 2017 में जीएलएफ से दूध खरीदने का ठेका लिया था। ठेके की शर्तों के अनुसार हर सप्ताह दो बार दूध का भुगतान करना होता है। उस समय प्रदीप ने 5.38 लाख रुपये के दूध का भुगतान नहीं किया। बार-बार जीएलएफ प्रशासन की तरफ से कहा गया, मगर अनसुना कर दिया। इसके बाद जीएलएफ प्रशासन ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई होने के बाद यह कई स्थानों पर अधिकारियों की शिकायत कर दबाव बनाने की कोशिश करने लगा। जब अधिकारी नहीं माने तो अपने एक रिश्तेदार से मिलकर किसी दूसरी फर्म के नाम ठेका ले लिया। इसके बाद  वही हुआ। इस फर्म ने भी फार्म का 16.68 लाख रुपये का बकाया नहीं दिया। बहरहाल इस मामले की जांच हुई तो मालूम चला कि फार्म के ही एक अधिकारी के साथ मिलकर यह काम किया जाता रहा है।

आगे की कार्रवाई पर किया जा रहा काम

मुख्य अधीक्षक ने बताया कि फर्म द्वारा बार-बार किस प्रकार से ठेका ले लिया जाता था, इस मसले की जांच की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई देखने को मिलेगी। इसके साथ ही जिस कंपनी ने चालक की नौकरी दी थी उससे भी निकाल दिया गया है। गौरतलब है कि राजकीय पशुधन फार्म में कई प्रकार के पशु रहते हैं। जिनके दूध आदि को ठेके के माध्यम से बेचा जाता है।

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