फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी, झज्‍जर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

ठगों द्वारा लिंक पर फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्स भेज कर ऑक्सीजन लेवल मापने का दावा किया जा रहा है। साइबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक किसी भी पीड़ित व्यक्ति के ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए फर्जी ऑक्सीमीटर मोबाइल एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 04:35 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 04:35 PM (IST)
फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी, झज्‍जर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
एसपी राजेश दुग्गल ने कहा लिंक पर आई फर्जी ऑक्सीमीटर मोबाइल ऐप्स डाउनलोड ना करें

झज्जर, जेएनएन। मौजूदा कठिन समय में भी साईबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। संक्रमण के कारण ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग के मद्देनजर साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका इजाद किया है। ठगों द्वारा लिंक पर फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्स भेज कर ऑक्सीजन लेवल मापने का दावा किया जा रहा है। इस तरह के फ्रॉड करने के लिये इस समय कुछ साइबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक किसी भी पीड़ित व्यक्ति के ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए फर्जी ऑक्सीमीटर मोबाइल एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं।

दरअसल, पुलिस के संज्ञान में आया है कि साइबर अपराधियों ने ऑक्सीजन संबंधित ऐप बनाने शुरू कर दिए हैं जो शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने का दावा करते हैं। इस तरह से साइबर अपराधी उपयोगकर्ता को मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करने के बाद धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं।

जबकि, आम लोगों को लगता है कि इन मोबाइल ऐप्स के साथ ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान होगा, लेकिन यह बहुत खतरनाक है। इन ऐप्स को उपयोग में लाने के लिए उपयोगकर्ता द्वारा अपनी निजी जानकारी गूगल पे, फोन-पे व पेटीएम आदि के लिए उपयोग किए गए फिंगरप्रिंट डेटा का उपयोग किया जाता है। फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप फोन के डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम होते हैं। जिला पुलिस की ओर से अपील की गई है कि लोगों को ऐसे मोबाइल ऐप्स से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इन एप्स के माध्यम से साइबर ठग आसानी से उपयोगकर्ता का डेटा हैक कर सकते हैं।

कुछ इस तरह से अपराध कर रहे हैकर

एक बार जब उपभोक्ता लिंक पर भेजी गई एप को डाउनलोड कर लेते हैं, तो यह फोन के लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है। जिससे ऑक्सीजन के स्तर को जांचने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ हैकर्स उनके डेटा तक पहुंच बनाने में सक्षम हो जाते हैं। लोग सोचते हैं कि ऐप माध्यम से वे घर पर सुरक्षित रहते हुए अपने ऑक्सीजन के स्तर की जाँच कर सकते हैं। जबकि ऐसा होता नहीं है। यह नकली एप्लिकेशन मोबाइल फोन की फोटो गैलरी तक पहुंचने के लिये अनुमति मांगता है।

जब ऐसी अनुमति दे दी जाती हैं तो ऐप के द्वारा साइबर अपराधी बैक से संबंधित फोटोज के माध्यम से डाटा चुरा कर आपके बैंक खातों को हैक कर सकता है। ऐसे ऐप उन एसएमएस इनबॉक्स को भी पढ़ सकते हैं, जिनमें बैंक खाता लेनदेन अलर्ट और ओटीपी होता है। इसके अलावा साइबर ठगों द्वारा भेजे गए कुछ रोमांचक लिंक और पीडीएफ दस्तावेज लोगों को आकर्षित करते हैं। जब वे उस पर क्लिक करते हैं, तो जालसाज़ द्वारा उनका डेटा आसानी से चुरा लिया जाता है। इस तरह से फर्जी एप्स उपयोगकर्ता धोखाधडी का शिकार हो जाते हैं।

झज्जर पुलिस की आम लोगों से अपील

- कभी भी ऐसा कोई मोबाइल ऐप डाउनलोड न करें, जिसमें इस तरह के फर्जी दावे किए गए हों।  

- उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर के संबंध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। ऑक्सीमीटर कैसे कार्य करता है, इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए व उपयोग संबंधी जानकारी होनी चाहिए। ऐसी किसी भी डिवाइस के द्वारा आक्सीजन लेवल मापने के लिए एक ऑक्सीजन सेंसर की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त हृदय गति को पढ़ने के लिए भौतिक हार्टबीट सेंसर की आवश्यकता होती है। जबकि ऐसे स्मार्टफोन जो आक्सीजन लेवल चैक कर सके बाजार में उपलब्ध नही हैं।

- मोबाइल फोन में आए किसी भी अनजान लिंक पर बिना सोच विचार किए क्लिक करने से बचें।

- ऐसी मोबाइल ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले गहनता से विचार करते हुए सजग रहें। ऐप डाउनलोड करने से पहले किसी भी प्रोग्राम की अनुमति देने से पहले उसकी समीक्षा जरूर करें।

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