रोहतक में मां-बाप, बहन और नानी की हत्‍या में खुलासा, इकलौता बेटा ही निकला कातिल, रची थी झूठी कहानी

27 अगस्त को हुए चौहरे हत्याकांड में 19 वर्षीय बेटा ही हत्यारा मिला है। बेटे ने ही पिता मां बहन और नानी की गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस ने बुधवार सुबह इस वारदात का पर्दाफाश कर आरोपित को हिरासत में ले लिया है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 10:47 AM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 10:47 AM (IST)
रोहतक में मां-बाप, बहन और नानी की हत्‍या में खुलासा, इकलौता बेटा ही निकला कातिल, रची थी झूठी कहानी
रोहतक में मां, पिता, बहन और नानी को सिर में गोली मारने वाले बेटे को पुलिस ने काबू कर लिया

जागरण संवाददाता, रोहतक। विजय नगर में 27 अगस्त को हुए चौहरे हत्याकांड में 19 वर्षीय बेटा ही हत्यारा निकला है। बेटे ने ही पिता, मां, बहन और नानी की सिर में गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस ने बुधवार सुबह इस वारदात का पर्दाफाश कर आरोपित को हिरासत में ले लिया है। हालांकि पुलिस ने अभी हत्या के कारणों को उजागर नहीं किया है। इससे पहले आरोपित से वारदात स्थल की निशानदेही करवाई जाएगी और हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद किया जाएगा। दैनिक जागरण ने वारदात के दिन ही बेटे पर वारदात को अंजाम देने का अंदेशा जताया था। रोहतक एसपी राहुल शर्मा ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि चौहरे हत्याकांड में आरोपित अभिषेक ही पाया गया है। उसने ही अपनी मां, पिता, बहन और नानी की हत्या की है। हत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

यह था मामला

विजय कालोनी के रहने वाले प्रापर्टी डीलर प्रदीप उर्फ बब्लू पहलवान, उसकी पत्नी बबली और सांपला निवासी सास रोशनी की 27 अगस्त को घर में घुसकर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली लगने से घायल उसकी बेटी तमन्ना उर्फ नेहा की रविवार तड़के पीजीआइएमएस में मौत हो गई थी। इस मामले में प्रापर्टी डीलर के साले प्रवीण की तरफ से अज्ञात आरोपितों के खिलाफ शिवाजी कालोनी थाने में मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस के शक की सुई तभी से नजदीकियों पर घूम रही है।

ओरोपित अभिषेक के पिता प्रदीप व मां बबली जन्‍मदिन पर खुशी मनाते हुए (फाइल फोटो)

बेटे अभिषेक ने पुलिस के समक्ष ऐसे बनाई थी कहानी

इस वारदात में प्रदीप के 19 वर्षीय बेटे अभिषेक बच गया था। उसके बचने के पीछे कारण बताया जा रहा था कि वह कोचिंग के लिए गया था। अभिषेक ने पुलिस को बताया कि जब वह अपने घर पहुंचा तो मेन दरवाजा अंदर से लाक था। काफी देर तक आवाज दी, जब कोई दरवाजा खोलने के लिए बाहर नहीं आया तो उसे किसी अनहोनी का डर सताया। आसपड़ोस के लोग भी एकत्रित हो गए और पड़ोसी के मकान से सीढ़ी लगाकर घर की छत पर पहुंचा। पहली मंजिल पर बने कमरे के दरवाजे के नीचे से खून बह रहा था। उसने शोर मचाया तो उसके चाचा नान्हा के परिवार के लोग पहुंचे और कमरे का सेंटसल लाक तोड़ा तो वहां खून से लथपड़ तमन्ना तड़प रही थी। उसकी मां बबली और नानी जमीन पर मृत पड़ी थीं। नीचे वाले कमरे में पिता प्रदीप का शव पड़ा था।

सीसीटीवी में नहीं मिला था पुलिस को सुराग

पुलिस ने इस वारदात के बाद उसके मकान, आसपास के मकानों व गली में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करवाई, लेकिन कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा। इससे पहले ही दिन पुलिस को आभास हो गया था कि नजदीकी की इस वारदात के पीछे है। अभिषेक पुलिस के सामने बार-बार बयान भी बदल रहा था। धीरे-धीरे पुलिस ने उससे पूछताछ का दायरा बढ़ाया तो हकीकत सामने आना शुरू हो गई। पुलिस ने मंगलवार देर रात अभिषेक को हिरासत में ले लेकर वारदात को खुलासा बुधवार सुबह कर दिया है। दैनिक जागरण पहले दिन से ही अभिषेक को ही इस वारदात में संलिप्त होने की तरफ इशारा कर रहा था।

बीकाम का छात्र है आरोपित, केबिन क्रू का भी कर रहा कोर्स

अभिषेक की उम्र 19 वर्षीय है और शहर के ही एक कालेज में बीकाम की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ दिल्ली में केबिन क्रू का भी कोर्स कर रहा है। पुलिस ने अभिषेक पर वारदात के दिन से ही नजर बनानी शुरू कर दी थी। वारदात के बाद उसे फ्री भी छोड़ा ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकी। अभिषेक की गतिविधियां पुलिस से दूर होते ही संदिग्ध हो गई थी।

20 साल पहले रेलूराम पूनिया हत्याकांड में भी हुई थी ऐसी जघन्‍य वारदात

रोहतक में प्रॉपर्टी के लिए हुए हत्याकांड ने 20 साल पहले हिसार के उकलाना एरिया में हुए विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड को ताजा कर दिया है। प्रॉपर्टी के लिए रिश्तों से नाराजगी के कारण निर्दलीय विधायक रेलूराम पूनिया समेत उनके परिवार के 8 लोगों की हत्या उन्हीं की बेटी सोनिया व दामाद संजीव ने की थी। 23 अगस्त 2001 को सोनिया व संजीव ने उकलाना के लितानी गांव में विधायक रेलूराम पूनिया (50), उनकी दूसरी पत्नी कृष्णा (41), बेटी प्रियंका (16), बेटा सुनील (23), बहू शकुंतला (20), पोते लोकेश (4), पोतियां शिवानी (2) और प्रीती (3 महीने) की फार्म हाउस में लोहे की राड से हमला करके हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद सोनिया ने भी जहर पीकर जान देने को कोशिश की थी, लेकिन वह बच गई। इस पूरे हत्याकांड और उसके खुलासे ने पूरे प्रदेश को हैरान कर दिया था। सोनिया और संजीव को इस हत्याकांड के लिए दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति द्वारा दोनों दोषियों की दया याचिका खारिज की जा चुकी है, लेकिन फांसी न दिए जाने को ज्यादा समय बीत जाने के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

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