पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के दाहिना हाथ माने जाने वाले रामजीलाल का निधन, पंचतत्व में हुए विलीन
हिसार के आर्यनगर गांव में जन्मे और हिसार शहर को अपनी कर्मभूमि बना जिस तरह से पंडित रामजीलाल ने पैठ बनाई उसका कोई जवाब नहीं। वे दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। पंचतत्व में विलीन होने के दौरान कुलदीप बिश्नोई भी काफी भावुक नजर आए।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के दाहिना हाथ माने जाने वाले और राजनीति के पंडित रहे रामजीलाल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन की बात सुनकर हिसारवासी शोकाकुल हो गए। उनके निधन पर शहर भर रामजीलाल से जुड़े प्रचलित किस्सों की चर्चा होने लगी। किस तरह सामान्य से परिवार में जन्मे रामजीलाल ने सफलता की बुलंदियों को छुआ इसे लेकर लोग बात करते नजर आए।
हिसार के आर्यनगर गांव में जन्मे और हिसार शहर को अपनी कर्मभूमि बना जिस तरह से उन्होंने पैठ बनाई उसे लेकर लोग चर्चा करते नजर आए। वे दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। इसके अलावा कोई चुनाव भी उन्होंने नहीं लड़ा। मगर जब भी भजनलाल सरकार में कहीं भी कमजोर कड़ी को भरने का काम होता तो वे मुख्य भूमिका में नजर आते थे। चौधरी भजनलाल के देहांत के बाद भी उन्होंने कुलदीप बिश्नोई के मार्गदर्शक के रूप में अपनी भूमिका अदा की।
अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई भी उनके निधन की बात सुनकर काफी निराश हो गए। उन्हाेंने आर्य नगर श्मशान घाट में पूर्व राज्यसभा सांसद पं. रामजीलाल के अंतिम संस्कार में पहुंचने के उपरांत कहा कि पंडित जी ने एक भाई से बढ़कर उनके पिताजी का साथ दिया और उनके आशीर्वाद का हाथ हमेशा मेरे ऊपर रहा।
दोस्ती की मिसाल पं. रामजीलाल जी ने सदैव आपसी भाईचारे को मजबूत करने और समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया। उनका जाना पारिवारिक क्षति है, जिसकी क्षतिपूर्ति असंभव है। समय चाहे कैसा भी रहा हो पं. रामजीलाल हमेशा मेरे पिता और उनके बाद मेरे साथ खड़े रहे और मेरे संघर्ष में साथ दिया। विदित रहे कि गत देर रात्रि पं. रामजीलाल का निधन हो गया, वे पिछले लंबे समय से बीमार थे।