झज्जर की भिंडावास झील में भोजन की तलाश में पहुंच रहे विदेशी परिंदें, फरवरी के अंत होगा प्रवास
झज्जर की भिंडावास झील में विदेशी परिंदों की आहट का असर साफ देखने को मिलता हैं। सदियों से बना यह रिश्ता आज भी बदस्तूर जारी है। खास तौर पर इस दफा जो जुलाई के बाद से बरसात हुई है। परिंदों की मौजूदगी माहौल को खास बना रही हैं।
अमित पोपली, झज्जर। मौसम बदलने के साथ ही क्षेत्र में विदेशी परिंदों की आहट का असर साफ देखने को मिलता हैं। सदियों से बना यह रिश्ता आज भी बदस्तूर जारी है। खास तौर पर इस दफा जो जुलाई के बाद से बरसात हुई है, का असर क्षेत्र के जलजमाव वाले विभिन्न ऐसे स्थानों पर कुछ तरह से दिखा हैं कि परिंदों की मौजूदगी माहौल को खास बना रही हैं। अभी से कुछ विदेशी परिंदों की प्रजातियां बर्ड वाचर द्वारा क्षेत्र में देखी गई हैं। जिनकी आने वाले दिनों में संख्या बढ़ने वाली है। ऐसे में स्थानीय परिंदों का कलरव भी बर्ड वाचर को आकर्षित कर रहा हैं। फिलहाल साइबेरिया, मध्य एशिया, आदि देशों के पक्षी डीघल, गोच्छी, बालंद, दुजाना मांडौठी व आस-पास के क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं।
भिंडावास झील पक्षियों की सैरगाह के रूप में मशहूर है
वर्तमान में बार हेडेड गूज, ग्रे लेग गूज, रेडशल डक, टफ्टेड डक आदि प्रवासी परिंदे देखे जा रहे हैं। देखा जाए तो भिंडावास झील सैलानी पक्षियों की सैरगाह के रूप में मशहूर है, क्योंकि यहां मौसम उनके अनुकूल रहता है। जलजमाव से भोजन का इंतजाम हो जाता है। भिंडावास का क्षेत्र बड़ा और व्यापक होने की वजह से पक्षियों की संख्या भी हजारों में रहती है। लेकिन, इस दौरान भिंडावास के अलावा ग्रामीण आंचल के खेतों में भी पक्षियों की देखी गई विभिन्न प्रजातियां बर्ड वाचर को आमंत्रित भी कर रही हैं। यहां फरवरी के अंत तक प्रवासी पक्षी देखे जा सकेंगे। गर्मी शुरू होते ही वे अपने वतन लौट जाते हैं।
बरसात अच्छी होना कारण
बर्ड वाचर राकेश अहलावत ने बताया कि बरसात बढ़िया होने की वजह से क्षेत्र के खेतों में विभिन्न जगहों पर जल जमाव की स्थिति बनी हुई हैं। मंगोलिया और चीन आदि क्षेत्र से पक्षियों की प्रजातियां आनी शुरु हो गई है। दूसरा, स्थानीय पक्षी भी बड़ी संख्या में आनंद के साथ अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। मौसम ठंड का हो जाने के बाद इन पक्षियों की संख्या पहले से ज्यादा हो जाएगी।
मेहमान परिंदों को रास आ रही है आबोहवा
दरअसल, बेहद सर्द मौसम होने के बावजूद मेहमान परिंदों को हमारे यहां की आबोहवा बहुत रास आ ती है। झीलनुमा पानी पर ये परिंदे एक दूसरे के साथ चोंच से चोंच लड़ाते, पानी की सतह पर अठखेलियां करते सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही अपने भोजन की तलाश में लंबे समय तक यहां रहते भी हैं। कुल मिलाकर, कई तरह की प्रजाति के रंग-बिरंगे विदेशी परिंदे सभी के मन को भा रहे हैं। दिनभर पानी की सतह पर तैरने के बाद प्रवासी पक्षी आकाश में उड़ते हुए भी मनभावन लगते हैं।
यह प्रजातियां देखी गई क्षेत्र में
गार्गेनी
नोर्थदन शाव्लर
वूड सेंडपाइपर
ग्रीन सेंडपाइपर
कामन सेंडपाइपर
मार्श सेंडपाइपर
कामन ग्रीनशेंक
स्पाटिड रेडशेंक
रफ
ब्लेक टेलड गाडविट
लिटल स्टिंट
स्माल पेटिनकाल
व्हाइट वेगटेल
पेंटिड स्ट्राक
ग्लोसी आइबिस
यूरेशियन स्पूनबिल
ब्लेक हेडिड आइबिस आदि।