भिवानी के गांवों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, घरों में घुसा पानी, और बारिश हुई तो बिगड़ जाएगी स्थि‍ति

चैहड़खुर्द गांव में मूसलाधार बारिश में पानी भर गया। प्रशासनिक व्यवस्था चौपट होने के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप सड़क जाम कर दी। चैहड़खुर्द में एक बड़े इलाके में बेशुमार पानी भरा है और निकालने के प्राशनिक व्यवस्था पर्याप्त नहीं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:17 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:17 PM (IST)
भिवानी के गांवों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात, घरों में घुसा पानी, और बारिश हुई तो बिगड़ जाएगी स्थि‍ति
भिवानी के चैहडख़ुर्द में बारिश के पानी से बने हालातों को बयान करते दृश्य।

संवाद सहयोगी, बहल।  बारिश से भिवानी के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो चुके हैं। पानी की निकासी के लिए सारे इंतजाम फेल साबित हो रहे हैं। बहल कस्बे सहित खंड का चैहड़खुर्द गांव में मूसलाधार बारिश में पानी भर गया। प्रशासनिक व्यवस्था चौपट होने के आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप सड़क जाम कर दी। चैहड़खुर्द में एक बड़े इलाके में बेशुमार पानी भरा है और निकालने के प्राशनिक व्यवस्था पर्याप्त नहीं। पानी निकालने के आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने जाम को खोला।

वीरवार रात से रूक-रूक हो रही बारिश के बाद कस्बे सहित कई गांवों में पानी भर भर गया। गांव चैहड़खुर्द की आधी आबादी जलमग्र हो गई है। घरों में पानी भर आया है और लोगों का घरों से निकलना नामुमकिन हो रहा है। चैहड़खुर्द के ग्रामीणों ने पानी निकासी में पंचायत प्रशासकों की नामाकी को लेकर विरोध किया और अवरोध डालकर बहल-लोहारू सड़क मार्ग को जाम कर दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव में भरे पानी को निकाला जाए। वहीं सड़क जाम की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार सुरेश कुमार कौशिक मौके पर पहुंच गये हैं और व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।

उधर बीडीपीओ कार्यालय की ओर से पानी निकासी के लिए टै्रक्टर पर पंप सैट लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और पानी के भराव को देखते हुए एक ओर पंप सैट लगाकर पानी निकासी में गति लाई गई है। लेकिन दोपहर तक जारी बारिश के चलते पानी निकासी बहुत ही कम हो पा रही है। ग्रामीण इसलिए प्रशासन पर आग बुलबुला हो रहे हैं कि जब हर वर्ष बरसात का पानी उनकी परेशानी का सबब बनता रहा है तो बारिश से पहले इंतजाम करने में कोताही क्यों बरती गई है। लोगों का कहना है कि प्रशासन उनके डूबने का इंतजार कर रहा था, अब कौन सी जरूरत व आफत दिखाई दे गई कि डूबने के बाद उनकी नींद टूट रही है।

उधर, ग्रामीण ने बताया है कि यह पानी हर वर्ष ही भरता है और अब एकदम से अधिक पानी बरसने गांव में पानी अधिक भरा है। कमोवेश यही स्थिति बहल कस्बे के कई इलाकों में बनी है। घरों में पानी भर आया है और लोग पानी के बचाव के लिए जो भी संसाधन अपना रहे है वो बेकार साबित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब ग्राम पंचायत ने 15 करोड़ रुपये से अधिक की राशी कस्बे के विकास में खर्च की है।

पंचायती कार्यों की जांच करके तो देख ले आखिर इतनी बड़ी विकास की राशी का उपयोग क्या रहा। उल्लेखनीय तो यह है कि पानी भरती इस आबादी अनुसूचित जाति के लोग आबाद है और हर वर्ष पानी उनके आशियानों को जर्जर बना जाता है। बारिश कई दिनो ंसे हो रही है और व्यवस्था को चुस्त नहीं रखा गया, लिहाजा शुक्रवार को करीब दो दर्जनों घरों व गांव की गलियों में पानी भर आया है।

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