बहादुरगढ़ के छुड़ानी गांव में ड्रेन टूटने से बाढ़ जैसे हालात, 500 एकड़ फसल जलमग्न

मानसून से पहले ड्रेन की न तो सफाई करवाई गई और न ही उसके साथ मिट्टी लगाई। इसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। कर्मचारियों को ड्रेन ठीक करने में लगाया गया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 04:48 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 04:48 PM (IST)
बहादुरगढ़ के छुड़ानी गांव में ड्रेन टूटने से बाढ़ जैसे हालात, 500 एकड़ फसल जलमग्न
बहादुरगढ़ के छुड़ानी गांव में ड्रेन टूटने से बनी जलभराव की स्थिति।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। बहादुरगढ़ के गांव छुड़ानी में मातन लिंक और केसीबी ड्रेन टूटने से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। गांव के खेतों में पानी भरने से करीब 500 एकड़ में लगाई गई धान की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने धान की फसल पर लाखों खर्च किया था, लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही का वजह से यह ड्रेन टूट गई और खेतों में पानी भर गया।

घटना की जानकारी मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया और कर्मचारियों को ड्रेन ठीक करने में लगाया गया। सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यहां पर हर साल ड्रेन ओवरफ्लो होकर या टूटकर पानी भरता है। इस बार भी मानसून से पहले ड्रेन की न तो सफाई करवाई गई और न ही उसके साथ मिट्टी लगाई। इसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। छुडानी निवासी किसान अजित, अनिल, महत्व आदि ने बताया कि झज्जर सिंचाई विभाग ने समय पर केसीबी ड्रेन की सफाई नहीं करवाई। उनका कहना है कि विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों ने सफाई के नाम पर सिर्फ किनारों की खुरचन ही की।

सरकार से मुआवजे की मांग

किसानों ने प्रदेश सरकार से इस बर्बादी का मुआवजा देने की मांग की है। किसानों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी और सिंचाई विभाग ने भी किसानों की सुध नहीं ली। कुछ दिन पहले मातन लिंक ड्रेन की स्ट्रेंथनिंग का भी करीब दो करोड़ से ज्यादा का टेंडर लगाया गया था, लेकिन इसका काम भी मानसून से पहले पूरा नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि रोहतक सिंचाई विभाग ने अपने हिस्से में केसीबी ड्रेन की सफाई करवाई है लेकिन झज्जर के सिंचाई विभाग ने अपने हिस्से में केसीबी की न तो सफाई करवाई और न ही छंटाई।

सफाई पर लाखों होते हैं खर्च, नतीजा सिफर

किसानों का कहना है कि इसी वजह से हर साल केसीबी ड्रेन टूटती है और उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। सफाई के नाम पर झज्जर सिंचाई विभाग हर साल लाखों रुपये का खर्च करता है। किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से भी जलभराव से फसल खराब का मुआवजा उन्हें नही मिल रहा। ग्रामीणों ने झज्जर सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के लिए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। 

ब्रम की मरम्मत करवाई, जल्द मिट्टी डलवाएंगे

सिंचाई विभाग के एसडीओ जगदीप दलाल ने कहा कि उन्होंने फिलहाल ब्रम की मरम्मत करवा दी हैै। जल्द मातन लिंक ड्रेन के ऊपर मिट्टी डाल दी जाएगी। विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि अगली बरसात से पहले दोनों ड्रेन की मरम्मत करवा दी जाए, ताकि किसानों को फसलों का नुकसान न हो।

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