Jhajjar News: नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु, एसडीएम बेरी व एएसपी ने लिया जायजा

घर बाजार और मंदिरों में पहले से ज्यादा भक्ति का माहौल दिखाई दिया। जिला मुख्यालय सहित आस-पास के ग्रामीण आंचल में मंदिरों के कपाट खुले तो भक्तों की भीड़ उमड़ उठी। सुबह से ही मंदिरों में पूजा अर्चना शुरू हो गई।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST)
Jhajjar News: नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु, एसडीएम बेरी व एएसपी ने लिया जायजा
नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में लगी भीड़

झज्जर/ बेरी, जागरण, संवाददाता। वीरवार को कलश-स्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया गया। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज, हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को पार्वती स्वरूप में भगवान शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं और योग साधना करते हैं।

पं. वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। अत: नवरात्रि के पहले दिन स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना की जाती है। माता शैलपुत्री की अराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी है। स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही मंगलकारी है।

मौजूदा समय में नवरात्र के मौके पर रौनक देखने को मिल रही है

घर, बाजार और मंदिरों में पहले से ज्यादा भक्ति का माहौल दिखाई दिया। जिला मुख्यालय सहित आस-पास के ग्रामीण आंचल में मंदिरों के कपाट खुले तो भक्तों की भीड़ उमड़ उठी। सुबह से ही मंदिरों में पूजा अर्चना शुरू हो गई। हालांकि, पहले की तरह मंदिरों के बाहर मां के दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनें तो देखने को नहीं मिलीं। हां, इन सब के बीच कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया। मंदिरों के स्तर पर भी अपनी ओर से सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था की गई है। जबकि, सूचना के साथ लोगों को भी सचेत किया जा रहा है कि इस नवरात्र के मौके मन के दानवों का विनाश करने के साथ-साथ कोरोना के संक्रमण की चेन को भी तोड़ना है।

बेरी मंदिर में प्रशासनिक की मौजूदगी का दिखा अहसास

लगातार दूसरे साल में ऐसा हो रहा है कि बेरी स्थित मां भीमेश्वरी देवी सिद्धपीठ पर मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा। प्रशासनिक स्तर पर पिछले कई दिनों से इस संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। भक्तों को दर्शनों के लिए फेसबुक लाइव पर व्यवस्था की जा रही है। इधर, ऐसे भी काफी श्रद्धालु रहे।

मंदिर परिसर का दौरा करते हुए व्यवस्थाओं का लिया जायजा 

एसडीएम बेरी रविंद्र कुमार व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने नवरात्र पर्व में बेरी स्थित मां भीमेश्वरी देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

बता दें कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते इस बार भी नवरात्र मेले व पशु मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा है। श्रद्धालु घर बैठकर मां भीमेश्वरी देवी बेरीवाली फेसबुक पेज से जुड़कर लाइव दर्शन कर सकते हैं और आरती में भागीदार बन सकते हैं। नवरात्र पर्व में बेरी में किसी को भी भंडारे अथवा लंगर, छबील आदि लगाने की अनुमति नहीं है। इस अवसर पर नायब तहसीलदार लछीराम, नपा सचिव नरेंद्र सैनी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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