निगम चुनाव : रसोई को संभाल रही सास-जेठानी, प्रत्याशी बहू मैदान में

नगर निगम चुनाव में महिला प्रत्याशी घर के काम के साथ प्रचार में भी जुटी हुई हैं। मगर निगम चुनाव में जीत का मंत्र लेकर महिलाओं के पीछे से उनकी रसोई को सास और जेठानी ने संभाला हुआ है

By manoj kumarEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 02:29 PM (IST)
निगम चुनाव : रसोई को संभाल रही सास-जेठानी, प्रत्याशी बहू मैदान में
निगम चुनाव : रसोई को संभाल रही सास-जेठानी, प्रत्याशी बहू मैदान में

हिसार, जेएनएन। नगर निगम चुनाव में महिला प्रत्याशियों को दुगना मेहनत करनी पड़ रही हैं। घर के काम के साथ वो प्रचार में भी जुटी हुई हैं। मगर निगम चुनाव में जीत का मंत्र लेकर महिलाओं के पीछे से उनकी रसोई को सास और जेठानी ने संभाला हुआ है। प्रत्याशी सुबह खाना बनाने के बाद सीधा शाम को ही घर में घुसती है। परिवार के अन्य लोग उनकी मदद के लिए लगे हुए है। मौका मिले तो रसोई संभाल रही महिलाएं प्रत्याशी के साथ वोट मांगने निकल जाती है। परिवार वालों का कहना है कि उन्‍हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है।

सास बोली- बहू जीती तो सिर होगा ऊंचा

वार्ड नंबर दो से प्रत्याशी कविता केडिया अपनी जीत को पक्का करने के लिए लगातार चुनाव प्रचार में जुटी है। उनके पीछे से उनकी रसोई को सास गायत्री केडिया ने संभाल रखा है। चुनाव होने के कारण कविता के घर पर लोगों का आना जाना है। परिवार के अन्य लोग भी प्रचार में सहयोग करने के लिए लगे हुए है। घर पर परिजनों के होने के कारण सास की जिम्मेवारी भी बढ़ गई है। बहु ही मदद करने के साथ वह घर आ रहे मेहमानों को संभल रही है। चाहे उनको चाय पिलानी हो या कोल्ड ड्रिंक्‍स। सास ने बताया कि कविता जीतेगी तो उनका सिर ऊंचा होगा। वह समाज के लिए लगी हुई है।

घर आने वालों की भी हो रही मेहमाननवाजी

वार्ड नंबर दो से ही प्रत्याशी ईशा गर्ग के चुनाव प्रचार में उतरने के साथ ही उनकी रसोई को जेठानी नेहा ने संभाल लिया है। पहले भी वह साथ ही रसोई संभालती थी लेकिन ईशा के चुनाव में जाने के बाद नेहा की जिम्मेवारी ज्यादा बढ़ गई है। वह पूर्ण रूप से रसोई को संभाल कर हर तरह से ईशा को सहयोग कर रही है। उनको मौका मिलता है वह प्रचार के लिए निकल लेती है। उनकी कोशिश है कि प्रत्याशी के रूप में मैदान में चुनाव लड़ रही ईशा की जीत हो। जेठानी नेहा ने बताया कि परिवार के लोग भी आए हुए है। चुनाव होने के कारण घर पर भी लोगों का आना जाना रहता है। ईशा भी व्यस्त रहती है। इस लिए उनकी कोशिश है कि घर आने वाले को दिक्कत न हो। ईशा का पूरा ध्यान अपने प्रचार पर रहे।

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