Hisar cyber crime: साइबर थाना पुलिस का डर, केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने लौटा दी शिकायतकर्ता को पूरी रकम
साइबर थाना पुलिस का डर आनलाइन ठगी करने वालो में नजर आया। केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने शिकायतकर्ता को पूरी रकम ही वापस करदी। मिलगेट निवासी बीटेक के छात्र निखिल से 96250 रुपये की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित ने कई नए खुलासे किए हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार में साइबर थाना पुलिस का डर आनलाइन ठगी करने वालो में नजर आया। केस दर्ज होते ही साइबर ठग ने शिकायतकर्ता को पूरी रकम ही वापस करदी। मिलगेट निवासी बीटेक के छात्र निखिल से 96250 रुपये की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित ने कई नए खुलासे किए हैं। आरोपित ने रिमांड के दौरान पूछताछ में बताया की शिकायतकर्ता को केस दर्ज होने के बाद उसने पूरी रकम लौटा दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचना नहीं दी।
गौरतलब हैं की पुलिस ने मूल रूप से रोहतक गेट गोहाना निवासी हाल दिल्ली के उत्तम नगर के ओम विहार निवासी विजय कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपित को पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उसे 16 सितंबर तक रिमांड पर लिया गया है। पुलिस आज आरोपित को अदालत में पेश करेगी। मामले के संबंध में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने निखिल की शिकायत पर 18 अप्रैल को केस दर्ज किया था। इसके अलावा आरोपित ने बताया की उसने शिकायतकर्ता को अलग अलग ट्रांजेक्शन से कुल 96250 रुपए वापस कर दिए थे।
आरोपित ने बताया कि वह गिरोह बनाकर लोन का झांसा देकर लोगों से रुपए की धोखाधड़ी करते हैं आरोपित ने अपने पांच अन्य साथियों के नाम पुलिस को बताए हैं। पुलिस उन लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है। गौरतलब है कि निखिल ने पुलिस को शिकायत में बताया था कि वह बीटेक का छात्र है उसने आनलाइन लोन के लिए अप्लाई किया था। लेकिन आरोपितों ने उसे अलग-अलग नंबरों से फोन करके फाइल चार्ज सहित अलग अलग चार्ज लगाकर उससे कुल 96250 रुपए ठग लिए।
पीड़ित ने शिकायत में बताया था की आनलाइन काम करते हुए उसे जेके फाईनैंस कम्पनी का आफर आया कि आप हमारे लिए काम करो तो आप अपनी अजीविका कमा सकते हैं । इसके बाद उसे अज्ञात नंबर से मैसेज आया कि यदि आप लोन करवाना चाहते है तो अपने डाक्यूमैन्ट जमा करवा दें । यह है कि आठ दिसम्बर को जो डाक्यूमैंट केवाईसी के उन्होने मांगे थे , उसने उपरोक्त फर्म को आनलाइन जमा करवा दिए। 11 दिसम्बर 2020 को उसकी बात नेहा शर्मा से हुई। उन्होने उसे अनूप सिंह का कैनरा बैंक का खाता नंबर दिया और उससे 4500 रुपये प्रोसेस फीस मांगी।
उसने 11 दिसम्बर को अपने बैंक खाता से बताए गए खाते में उन्हे पे कर दिए। इसके बाद उसके पास नेहा का फोन आया। नेहा से बात हुई तो उन्होने उसे संजय पाहूजा का फोन नंबर दिया। संजय पाहूजा ने भी फाइल चार्ज के नाम पर 18,250 रुपये मांगे। उसने ये भी जमा करवा दिए। इसी तरह अलग अलग ट्रांजेक्शन के जरिए उससे रुपए की धोखाधड़ी कर ली।