Bahadurgarh News: पिता ने बेटियों की पढ़ाई के लिए छोड़ा गांव, बेटी शैली ने यूपीएससी की परीक्षा में हासिल किया 308वां रैंक
बहादुरगढ़ की बेटी शैली ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। शैली ने 308वां रैंक हासिल किया। शैली का यह पांचवां प्रयास था। पहले चार प्रयासों में शैली प्रीलीमरी एग्जाम भी पास नहीं कर पाई थी। मगर शैली ने हार नहीं मानी। अपनी गलतियों से सबक लिया।
बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ के गांव खरहर के किसान सतीश राठी की बेटी शैली ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। शैली ने 308वां रैंक हासिल किया। शैली का यह पांचवां प्रयास था। पहले चार प्रयासों में शैली प्रीलीमरी एग्जाम भी पास नहीं कर पाई थी। मगर शैली ने हार नहीं मानी। अपनी गलतियों से सबक लिया। दिल्ली के सेंटरों से कोचिंग लेना छोड़कर दोस्तों की मदद ली। पुराने प्रश्न पत्रों के आधार पर तैयारी की। दोस्तों से उचित मार्गदर्शन मिला और घर पर रहकर तैयारी करके उसने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल कर ली।
पिता किसान हैं तो मां है गृहिणी
शैली बताती हैं कि उसके पिता सतीश राठी एक किसान हैं। मां सुंदरी गृहिणी हैं। पहले वे गांव में रहते थे। बड़ी बहन भी पढ़ाई कर रही थी। मगर गांव में अच्छा स्कूल न होने की वजह से उनके पिता ने दोनों बेटियों व छोटे बेटे परीक्षित को पढ़ाने के लिए गांव छोड़ दिया। बहादुरगढ़ में आकर रहने लगे। अब परिवार सेक्टर दो में रहता है। शैली ने बताया कि जब वह छोटी थी तो उसके चाचा सतबीर सिंह हमेशा कहा करते थे कि बेटी तू एक दिन डीसी बनेगी। चाचा के बार-बार कहने और सोनीपत निवासी मामा कटार सिंह की प्रेरणा से मैंने भी मन बना लिया कि मैं डीसी वाली परीक्षा जरूर पास करूंगी।
दसवीं कक्षा में बनी थी जिला टापर
इसके लिए शुरुआती कक्षाओं से पूरी मेहनत के साथ पढ़ने लगी। 10वीं कक्षा में मैं जिला टापर थी। 12वीं में मैंने स्कूल टाप किया। बीटेक में यूनिवर्सिटी टाप किया। एमटेक करते हुए यूपीएससी की परीक्षा दी। चार बार के प्रयासों में प्री भी क्लियर नहीं हुआ। अब पांचवें प्रयास में मैंने यह परीक्षा पास करते हुए 308वीं रैंक हासिल की है।
चाचा और मामा की बातों से ली प्रेरणा
शैली ने बताया कि उसके चाचा उसके लिए शुरू कह रहे थे कि इसकी एक दिन डीसी बनेगी। वहीं उसके मामा को भी यही कहते थे कि शैली एक थी परीक्षा पास करेगी। जिनकी बातों को शैली ने मन में ठान लिया की यूपीएसी की परीक्षा पास करनी है।