जम्मू में सर्च अभियान के दौरान फतेहाबाद के जवान जयपाल गिल को लगा करंट, हुआ शहीद

टोहाना के गांव हंसेवाला निवासी 30 वर्षीय जवान जयपाल गिल के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद की मां और भाई ने कहा कि उन्हें जयपाल के चले जाने का गम तो है लेकिन गर्व है

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:14 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 04:14 PM (IST)
जम्मू में सर्च अभियान के दौरान फतेहाबाद के जवान जयपाल गिल को लगा करंट, हुआ शहीद
जम्‍मू में शहीद हुए जवान जयपाल की 2013 में शादी हुई थी और पांच साल का बेटा है

संवाद सूत्र, समैन(फतेहाबाद) जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के सर्च आपरेशन के दौरान फतेहाबाद जिले का एक जवान शहीद हो गया। सोमवार को टोहाना के गांव हंसेवाला निवासी 30 वर्षीय जवान जयपाल गिल के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव और क्षेत्र में पहुंची तो समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। हालांकि शहीद की मां और भाई ने कहा कि उन्हें जयपाल के चले जाने का गम तो है, लेकिन उन्हें इस बात पर भी गर्व है कि जयपाल देश की सेवा करते हुए शहादत को प्राप्त हुआ है। शहीद का शव मंगलवार तक गांव पहुंचने की उम्मीद है। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद के संस्कार को लेकर गांव में मनरेगा टीम द्वारा संस्कार भूमि की साफ सफाई करवाई जा रही है। वहीं जवान के शहीद होने पर सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी टवीट कर शोक जताया है।

गांव हंसेवाला निवासी करीब 30 वर्षीय जयपाल गिल वर्ष 2009 में सेना में भर्ती हुआ था और आजकल उसकी तैनाती लांस नायक के तौर जम्मू के कुपवाड़ा स्थिति शोपियां में थी। वर्ष 2013 में उसका विवाह हुआ और उसका अब 5 वर्ष का बेटा भी है। जवान जयपाल आतंकियों के सर्च आपरेशन की टीम में वह शामिल था और कुपवाड़ा में सर्च अभियान जारी था। इस दौरान करंट लगने से वह शहीद हो गया। इसकी सूचना सोमवार जैसे ही गांव में पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीण उनके घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाने में जुटे हैं। जयपाल के पिता वेद प्रकाश गांव में खेती बाड़ी का काम करते हैं तथा माां पतासो देवी गृहिणी है।

मां ने बताया कि उनका बेटा यूं चला गया, इसका बहुत दुख है, लेकिन उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए जान दी है। वहीं शहीद के भाई मनोज ने बताया कि उनके भाई ने देश के लिए शहादत दी, यह परिवार के लिए गर्व की बात है। पूरा क्षेत्र दुख में डूबा हुआ है और क्षेत्रवासियों को गर्व भी हो रहा है। उनका भाई 34 आरआर घातक मिशन में तैनात थे और मार्च में वह घर आया था। 20 अप्रैल को वह ड्यूटी पर गया और अकसर वीडियो काल पर ही बातचीत होती रही।

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