स्वच्छ सर्वेक्षण में फतेहाबाद शहर देश में पिछड़ा तो प्रदेश में किया टाप, अन्य शहरों ने गंवाई पिछली रैंक

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के परिणाम में देश में भले ही जिले के शहर अच्छा नहीं कर पाए लेकिन प्रदेश में अपनी साख अवश्य बनाकर रखी है। अलग अलग जनसंख्या वाले जिलों में फतेहाबाद के शहरों ने अच्छा किया है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 09:50 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 09:50 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण में फतेहाबाद शहर देश में पिछड़ा तो प्रदेश में किया टाप, अन्य शहरों ने गंवाई पिछली रैंक
देश में फतेहाबाद को 27 तो टोहाना को 60वीं मिली रैकिंग

विनोद कुमार, फतेहाबाद: स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 का परिणाम घोषित हो गया। लेकिन फतेहाबाद जिले का एक भी शहर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया। देश में पिछले साल से अच्छी रैकिंग मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। एक साल पहले जो रैकिंग मिली थी वो भी बरकरार नहीं रख पाए। जिला मुख्यालय पर अधिकारी बैठते है ऐसे में हर किसी को उम्मीद होती है कि शहर की साफ-सफाई अच्छी होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। फतेहाबाद व टोहाना नगरपरिषद ने देश के उत्तर भारत में 50 से एक लाख जनसंख्या वाले शहरों में शामिल होते है। ऐसे में फतेहाबाद को 30वीं रैंक मिली है।

पिछले साल की रैकिंग में कर पाया सुधार

पिछले साल यह रैंक 27 थी। ऐसे में 3 रैंक इस बार कम आई है। सबसे बुरा हाल तो टोहाना का हुआ है। टोहाना को इस बार 60वीं रैंक मिली है। पिछले साल 26वीं रैंक थी। ऐसे में 44 अंक कम मिले है। ऐसे में सवाल उठता है अधिकारियों ने एक साल कुछ काम तक नहीं किया। हर शहर आगे बढ़ने की सोचता है लेकिन यहां तो शहर पीछे की तरफ दौड़ पड़े है। अगर जिले के अन्य शहरों की बात करे तो अकेला रतिया शहर ऐसा रहा है जिसने कुछ अंक अधिक पाये है। लेकिन इतने अंक नहीं है कि संतोष किया जा सके। उत्तर भारत में 25 से 50 हजार वाली जनसंख्या के शहरों में रतिया को 130वीं रैंक मिली है। पिछले साल 137वीं रैंक थी। ऐसे में सात अंक अधिक प्राप्त किये है। जिले में भूना शहर एक मात्र ऐसा शहर रहा जिसने पूरा रिकार्ड ही तोड़ दिया। पिछले साल की अपेक्षा इस बार सबसे अधिक अंकों से पिछड़ा है। भूना शहर को इस बार 178वीं रैंक मिली है। पिछले साल 105वीं रैंक थी। ऐसे में 73 अंक गिरे है।

पहली बार शामिल हुए जाखल की हालत भी पतली

जब किसी प्रतियोगिता में शामिल होता है तो उत्साह रहता है कि वे अच्छा करेगा। लेकिन जाखल शहर के लिए ऐसा कुछ नहीं रहा। यहां के अधिकारियों ने पहले ही हाथ खड़े कर दिए थे कि वो कुछ नहीं कर पाते। आज तक सफाई के लिए बजट तक जारी नहीं हुआ। यहीं कारण है कि उत्तर भारत में जाखल को 552वीं रैंक हासिल हुई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस शहर में सफाई व्यवस्था कैसी होगी।

प्रदेश में फतेहाबाद रहा टाप पर

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के परिणाम में देश में भले ही जिले के शहर अच्छा नहीं कर पाए लेकिन प्रदेश में अपनी साख अवश्य बनाकर रखी है। अलग अलग जनसंख्या वाले जिलोें में फतेहाबाद के शहरों ने अच्छा किया है। 50 से 1 लाख जनसंख्या वाले शहर में फतेहाबाद ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पिछले साल प्रदेश में पांचवां स्थान मिला था। वहीं टोहाना को पांचवां स्थान मिला है। पिछले साल प्रदेश में चौथा स्थान था। ऐसे में एक अंक टोहाना ने गवाया है। वहीं 25 से 50 हजार वाले जनसंख्या वाले शहरों में रतिया को 15वां स्थान मिला है। पिछले साल को 17वां स्थान मिला था। ऐसे में दो अंक की बढ़ोतरी हुई है। भूना शहर को 20वीं स्थान मिला है। पिछले साल 16वां स्थान मिला था। ऐसे में चार अंक फिर गिरे है। ओवरआल जिक्र करे तो देश में रतिया शहर ने अच्छा किया तो प्रदेश में फतेहाबाद शहर ने अच्छे अंक प्राप्त किए है।

50 हजार से 1 लाख जनसंख्या वाले शहर फतेहाबाद की स्थिति

देश में 2020 में मिला स्थान : 27

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 05

देश में 2020 में मिला स्थान : 30

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 01

50 हजार से 1 लाख जनसंख्या वाले शहर टोहाना की स्थिति

देश में 2020 में मिला स्थान : 26

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 04

देश में 2020 में मिला स्थान : 60

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 05

25 हजार से 50 हजार जनसंख्या में भूना शहर की स्थिति

देश में 2020 में मिला स्थान : 105

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 178

देश में 2020 में मिला स्थान : 16

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 20

25 हजार से 50 हजार जनसंख्या में रतिया शहर की स्थिति

देश में 2020 में मिला स्थान : 137

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 130

देश में 2020 में मिला स्थान : 17

प्रदेश में 2021 में मिला स्थान : 15

इस आधार पर जारी हुए अंक

कुल अंक : 6000

शहरवासियों से फीडबैक : 1500

कागजात की जांच : 1500

प्रत्यक्ष अवलोकन : 1500

सेवा स्तर की प्रगति : 1500

अब जाने तीन सालों के स्वच्छ सर्वेक्षण का परिणाम

शहर 2021 2020 2019 2018

फतेहाबाद 30 27 177 191

टोहाना 60 26 329 289

भूना 178 105 399 172

रतिया 130 137 984 572

जाखल 552 000 000 000

स्वच्छ सर्वेक्षण में ये शहर हुए थे शामिल

शहर आबादी

फतेहाबाद नगरपरिषद 1 लाख

टोहाना नगरपरिषद 1 लाख

रतिया नगरपालिका 50 हजार

भूना 30 हजार

जाखल 25

इन शहरों में निकलता है कूड़ा

शहर टन

फतेहाबाद 40

टोहाना 30

रतिया 15

भूना 10

जाखल 08

स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ने के ये रहे कारण

-समय पर शौचालयों का टेंडर नहीं हुआ।

-टेंडर को लेकर अधिकारियों में आपसी खींचतान रही।

-समय पर टेंडर भी नहीं लगाया गया।

-पूरे जिले के शहरों में आज तक नहीं लगाया गया डोर-टू-डोर टेंडर।

-उच्चाधिकारी शहरों का नहीं करते निरीक्षण।

-शहरवासियों ने शहर के प्रति नहीं दिए अच्छे फीडबैक।

-सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए न तो कर्मचारी और नही संसाधन।

कैसे सुधरे हालात, ये करने होंगे काम

-सभी शहरों में संसाधान की खरीद और कर्मचारियों की भर्ती जरूरी।

-एजेंसी को डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का टेंडर देना।

-सार्वजनिक शौचालयों की सफाई का टेंडर एजेंसी को देना।

-बाजारों में रात को सफाई होनी चाहिए।

-शहर के मुख्य सड़कों पर बने डंपिंग प्वाइंटों को खत्म करना होगा।

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देश की रैकिंग में हम थोड़ा पिछड़े है। लेकिन इतना भी नहीं है। पिछले साल प्रदेश में फतेहबाद शहर ने पांचवां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन इस बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जो कमियां रह गई है उसे दूर किया जाएगा।

कुमार सौरभ, इंचार्ज स्वच्छ भारत मिशन।

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प्रदेश में फतेहाबाद शहर ने अपने जान में टाप किया है इसके लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को बधाई। जिस शहर में सफाई व्यवस्था खराब है उसे दुरुस्त किया जाएगा। जो कमी इस साल रह गई थी वो अगले साल नजर नहीं आएगी।

अजय चोपड़ा, जिला नगरायुक्त एवं अतिरिक्त उपायुक्त फतेहबाद।

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