Tikri Border: गर्मी का सामना करने को किसान तैयार, सड़क से हटाकर अब पेड़ों की छांव में बनाए आशियाने

सेक्टर नौ बाईपास के साथ लगते करीब एक किलोमीटर लंबे पार्क में 20 से ज्यादा गांवों के किसानों ने यहां पर आशियाने बना लिए हैं। आसपास आंदोलन स्थल पर बैठे अन्य किसान भी यहां पर पेड़ों की छांव में अपने आशियाने बना रहे हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 03:59 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 03:59 PM (IST)
Tikri Border: गर्मी का सामना करने को किसान तैयार, सड़क से हटाकर अब पेड़ों की छांव में बनाए आशियाने
यहां पर पंजाब के पिंड खटरा कलां, घुलाल, कुटिया कलां आदि पिंड के किसानों ने आशियाने बनाए हैं।

Tikri Border: हिसार/बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन को करीब तीन माह पूरे होने वाले हैं। कड़ाके की ठंड के बाद अब धीरे-धीरे गर्मी का मौसम आ रहा है। गर्मी के मौसम का भी सामना करने के लिए किसानों की ओर से फ्रिज व पंखे मंगवा लिए गए हैं। साथ ही अब सड़क पर बैठे आंदोलनकारियों ने आसपास पेड़ों की छांव में अपने आशियाने बनाने शुरू कर दिए हैं।

शहर के सेक्टर नौ बाईपास के साथ लगते करीब एक किलोमीटर लंबे पार्क में 20 से ज्यादा गांवों के किसानों ने यहां पर आशियाने बना लिए हैं। आसपास आंदोलन स्थल पर बैठे अन्य किसान भी यहां पर पेड़ों की छांव में अपने आशियाने बना रहे हैं। किसानों ने ट्रैक्टर-ट्राली उतारने के लिए पार्क की चारदीवारी को तोड़कर करीब आठ-दस फीट ऊंची सड़क से रैंप भी बना लिए हैं। इसके अलावा पार्क के योगा शेड, छतरीनुमा शेड के नीचे भी किसानों ने अपने तंबू बना लिए हैं।

पेड़ों की छांव में बढ़ रही आशियानों की संख्या

यहां पर पंजाब के पिंड खटरा कलां, घुलाल, कुटिया कलां आदि पिंड के किसानों ने आशियाने बनाए हैं। हर रोज पेड़ों की छांव में आशियाने बनाने वाले किसानों की संख्या अब बढ़ रही है। किसान सतपाल सिंह, दर्शन सिंह, राजेंद्र सिंह, हरनेक सिंह आदि ने बताया कि सड़क पर अब गर्मी लगने लग गई है। जब तक उनकी मांग को पूरा करते हुए तीनों कृषि कानून रद नहीं किए जाते तब तक उनका आंदोलन चलेगा।

किसान बोले- जरूरत पड़ी तो एसी भी लाएंगे

कड़ाके की ठंड का मौसम पूरा हो गया है। अब गर्मी के मौसम का सामना करने के लिए किसान तैयारी कर रहे हैं। उनकी ओर से फ्रिज व पंखे मंगवा लिए गए हैं। अगर एसी की जरूरत पड़ी तो वे उसे भी लेकर आएंगे। मगर वापस नहीं जाएंगे। सड़क पर गर्मी ज्यादा लगने लगी है। इसी कारण से ग्रीन बेल्ट में पेड़ों की छांव में हमने अपने आशियाने बनाए हैं। 

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