Farmers Protest: हरियाणा में भारी बारिश से फसलों को नुकसान, मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन
हरियाणा में हुए फसलों के नुक्सान की स्पेशल गिरदावरी की मांग को लेकर अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने जिला उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल प्रचार ने किया।
जागरण संवाददाता, सिरसा। हरियाणा में बीते दिनों हुई बरसात के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अत्यधिक बरसात के कारण फसलें प्रभावित हुई और जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। जिसके कारण किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सिरसा के लघु सचिवालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।
अत्यधिक बरसात से हरियाणा में हुए फसलों के नुक्सान की स्पेशल गिरदावरी की मांग को लेकर अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने जिला उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल प्रचार ने किया। बाद में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा किसानों ने कहा कि जब तक इन्हीं प्रभावित फसलों का मुआवजा नहीं मिल जाएगा वे अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखेंगे।
भारी बारिश से फसलों को हुआ नुकसान
विकल पचार ने कहा कि इस बार किसानों की खरीफ की फसल बहुत बढ़िया तैयारी थी लेकिन अत्यधिक बरसात के कारण क्षेत्र की लगभग सभी फसल नष्ट हो गई है। इससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुक्सान हुआ है। सिरसा जिले में फसलों में 80% तक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि की स्पेशल गिरदावरी के साथ सरकार से मांग की जाएगी की खेतिहर मजदूरों को भी फसल खराब होने से नुकसान हुआ है, अतः हरियाणा सरकार प्रत्येक खेतिहर मजदूर के परिवार को 50 हजार मुआवजा दे। हरियाणा में नष्ट हुई फसलों पर सरकार स्पेशल गिरदावरी करवा कर 40000 रुपये प्रति एकड मुआवजा घोषित करे।
किसानों को जल्द मिले मुआवजा
इसी प्रकार हरियाणा ने अभी तक पिछली खरीफ की फसल का भी मुआवजा वितरण नहीं किया है,वह मुआवजा भी जल्द किसानों में वितरित किया जाए। यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो सरकार सिरसा जिले में बडे आंदोलन के लिए तैयार रहे। हमारे संगठन का रिकॉर्ड रहा है कि हमने किसानों के जो भी आंदोलन किये सभी में सरकारों को झुका कर किसानों की मांगे मनवाई। चाहे इसके लिए हमें 2018 में पांच दिन रुपावास पानी की टंकी पर भी रहना पड़ा।
हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें