कोरोना संकट पर अब चिंता में पड़े किसान, धरना स्थल पर वैक्सीनेशन के लिए उठाई मांग
आंदोलनकारियों की ओर से अब आंदोलन स्थल पर ही वैक्सीनेशन कैंप लगाने की मांग उठ रही है। अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप धनखड़ के नेतृत्व में टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा के किसान संगठनों की बैठक हुई।
बहादुरगढ़, जेएनएन। अब तक काेरोना कुछ न होने और वैक्सीन से दूरी बनाए रखने वाले आंदोलनकारियों की ओर से अब आंदोलन स्थल पर ही वैक्सीनेशन कैंप लगाने की मांग उठ रही है। अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप धनखड़ के नेतृत्व में टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा के किसान संगठनों की बैठक हुई। इसमें धरना स्थल पर ही प्रशासन व सरकार से किसानों के लिए टीकरी बार्डर और सिंघु बॉर्डर पर वैक्सीन सुविधा केंद्र मुहैया कराने की मांग उठी।
बैठक में किसानों ने कहा कि किसान कई महीने से अपने मुद्दों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं और बॉर्डर पर धरनास्थल को ही अपना घर मान चुके हैं। कोरोना गाइडलाइन का धरना स्थल पर बैठकर ही पालन कर रहे हैं। सरकार टीकाकरण की सुविधा देने में नाकाम साबित हो रही है। धनखड़ ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को बदनाम कर किसानों की भूमिका को महामारी प्रबंधन में असहयोग के रूप में प्रचारित कर बदनाम करना चाहती है। बैठक में धरना स्थल बस अड्डे पर किसानों के अस्पताल में जीवन रक्षक इंजेक्शन, ऑक्सीजन केंद्र और दवा केंद्र स्थापित करने की भी मांग भी की गई।
स्वयंसेवक वेद प्रकाश ने कहा कि शहर के प्राइवेट अस्पताल द्वारा प्रशासन की तय रेट लिस्ट से ऊपर पैसा वसूलने पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि किसान, सफाई कर्मचारी और पत्रकार तीनों ही राष्ट्र के लिए अहम हैं। शांतिपूर्वक आंदोलन करने के कारण ही किसानों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को प्रतिदिन प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों के मौजूदा बेड, ऑक्सीजन आदि का आंकड़ा प्रतिदिन प्रसारित करना चाहिए ताकि लोगों में विश्वास की स्थिति बनी रहे। किसान नेता शमशेर सिंह ने वैक्सीन के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी का एकमात्र बचाव टीका ही है, जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।