किसान आंदोलन : दिल्ली परेड को लेकर तरह-तरह के कथन और विचारों से मुश्किल में पड़े किसान
किसान आंदोलन के बीच दिल्ली में किसान परेड को लेकर तरह-तरह के कथनों और विचारों से खुद किसान भी मुश्किल में नजर आ रहे हैं। टीकरी बॉर्डर पर एक-दो कई वक्ताओं ने दिल्ली में किसानों की परेड को लेकर बाेला कि दिल्ली फतह करेंगे।
बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच दिल्ली में किसान परेड को लेकर तरह-तरह के कथनों और विचारों से खुद किसान भी मुश्किल में नजर आ रहे हैं। टीकरी बॉर्डर पर एक-दो कई वक्ताओं ने दिल्ली में किसानों की परेड को लेकर बाेला कि दिल्ली फतह करेंगे। इस तरह के कथन किसानों को लिए चिंता का सबब बन रहे हैं।
ऐसे में किसान इस दिल्ली परेड को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं। आज तो सरकार और किसानों के बीच वार्ता हो रही है। ऐसे में दिल्ली की किसान परेड के लिए 16 या 17 जनवरी को बैठक होगी। उसी में यह तय किया जाएगा कि यह परेड कैसे होगी और किस रास्ते से किसान दिल्ली जाएंगे। अभी इसको लेकर किसान कुछ सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं, केवल गांवों में तैयारियां की जा रही हैं।
एक दिन पहले लिखा जा चुका है किसानों के नाम खुला पत्र
पंजाब के किसान नेता बलबीर राजेवाल की ओर से एक दिन पहले किसानों के नाम खुला पत्र लिखा जा चुका है। इसमें उन्होंने खुद यह बात कही है कि 26 जनवरी के आंदोलन के बारे मे कई भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। जल्द ही यह घोषणा होगी कि दिल्ली में किसानों की परेड कैसे की जाएगी। जिस तरह की बातें कही जा रही हैं, उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है।
यह किसानों का कोई विद्रोह कार्यक्रम नहीं है और न ही आंदोलन का अंतिम चरण है। यह आंदोलन शांतिपूर्वक ढंग से आगे बढ़ेगा और तब तक चलेगा, जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती। उन्होंने किसानों से इस आंदोलन के बीच हर हाल में शांति बनाए रखने की अपील की है।