कीटों से मित्रता करें किसान, एक जैसे नहीं सभी कीट

जागरण संवाददाता हिसार किसान और कीटों का वर्षों से साथ रहा है। अब कीटों को मारने क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:35 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:35 AM (IST)
कीटों से मित्रता करें किसान, एक जैसे नहीं सभी कीट
कीटों से मित्रता करें किसान, एक जैसे नहीं सभी कीट

जागरण संवाददाता, हिसार : किसान और कीटों का वर्षों से साथ रहा है। अब कीटों को मारने के लिए किसान काफी जल्दबाजी कर रहे हैं। खरीफ फसलों में हानिकारक कीड़ों को मारने से पहले किसानों को मित्र कीटों की पहचान करनी जरूरी है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक, मानव संसाधन प्रबंधन और कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख रहे प्रो. राम सिंह ने बताया कि मनुष्य ने कीटों को या तो उनके मित्रों या शत्रुओं में विभाजित किया, जबकि प्रकृति की ²ष्टि में सभी जीवों को समान मूल्य के साथ जीने का समान अधिकार है। कुछ कीट जैसे मधुमक्खियां, रेशम कीट, लाख कीट या परागणक उपयोगी कीट कहलाते हैं क्योंकि उनके उत्पाद मनुष्य के लिए लाभकारी होते हैं, लेकिन साथ ही जब कोई मधुमक्खी कॉलोनी किसी व्यक्ति के घर के आसपास बसने की कोशिश करती है, तो वह या तो व्यवस्था करेगा। इस कालोनी को खदेड़ दें या काटे जाने या उपद्रव के डर से कीटनाशक स्प्रे से नष्ट करवा देगा। उसके पास विकल्प है कि जरूरत पड़ी तो बाजार से शहद खरीद लेंगे। उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि अगर मधुमक्खियों जैसे परागणकर्ता विलुप्त हो जाते हैं तो इस ग्रह पर मनुष्य का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। मनुष्य के छोटे बच्चे टिड्डे, भृंग, तितलियों जैसे कीड़ों के साथ खेलते हैं क्योंकि उन्हें ऐसे सुंदर कीड़े पसंद हैं और उन्हें यह भी पता नहीं कि वे उपयोगी हैं या हानिकारक लेकिन उन्हें उनका सौंदर्य पसंद है।

-------------

कृत्रिम कीटनाशकों का प्रयोग

कीटनाशकों के आविष्कार के बाद, किसानों ने फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों को कीटनाशकों के उपयोग से अंधाधुंध समाप्त करने का प्रयास शुरू किया। वास्तव में किसी भी फसल पर पाए जाने वाले कीड़ों की 99.9 फीसद आबादी को प्रकृति द्वारा विभिन्न जैविक (शिकारियों, परभक्षी, परजीवी, परजीवी रोग और भोजन) और अजैविक (तापमान, वर्षा, हवा, बाढ़ आदि) एजेंसियों के माध्यम से संतुलन में रखा जाता है। इस घटना को किसी भी जीव की सामान्य संतुलन स्थिति के रूप में जाना जाता है। इसे पर्यावरण प्रतिरोध में वृद्धि करके जैविक क्षमता पर नियंत्रण के रूप में भी जाना जाता है। किसान अभी भी संतुष्ट नहीं हैं और चाहते हैं कि उनकी फसल को मात्रा और गुणवत्ता दोनों के मामले में कोई नुकसान न हो और किसान फसलों पर दिखाई देने वाले कीटों की 0.1 फीसद आबादी को भी खत्म करने के लिए भी इच्छुक है। उन्हें इस ²ष्टिकोण के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

-------------

यह हैं विभिन्न मित्र कीट

- लेडीबर्ड बीटल - विभिन्न फसलों जैसा की सरसों, सब्जियां, ककड़ी, भिडी, कपास आदि में नरम शरीर वाले कीड़े जैसा की एफिड, स्केल कीड़े, मिली बग (रस चूसने वाले कीट) को खाते हुए पाए जाते हैं। यह मित्र कीट कई कीड़ों को खाता है जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। आकार और रंग में इसी तरह का दिखने वाला बीटल, जिसे लोकप्रिय रूप से हड्डा बीटल के नाम से जाना जाता है। यह बैंगन, टमाटर और आलू की पत्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। दोनों में अंतर यह है कि लेडीबर्ड बीटल का सिर काला होता है और हड्डा बीटल का सिर नारंगी होता है। - प्रार्थना मंटिस- खरीफ की फसलों पर अन्य हानिकारक कीड़ों को खाने के लिए आमतौर पर देखा गया है। यह कीट हरे वयस्क टिड्डे की तरह दिखता हैं (फोटो 4 शत्रु कीट) जो खरीफ मौसम में कई फसलों की पत्तियों पर भक्षण करता हैं। किसान गलती से कीटनाशकों के प्रयोग से टिड्डा समझकर प्रीइंग मैंटिस को मार सकते हैं। - रेडुविड बग- कपास के खेत में अन्य हानिकारक कीड़ों को खाने वाला परभक्षी है। वहीं कपास की फसल पर अगस्त से अक्टूबर तक कपास का हानिकारक कीट लाल बग बहुत आम है। परभक्षी को किसान आसानी से लाल बग समझ कर नियंत्रण उपायों को आमंत्रित कर सकते हैं। - लेसविग- इसके लार्वा जुलाई से अक्टूबर तक कपास और अन्य फसलों के कई रस चूसने वाले कीड़ों का बहुत प्रभावी शिकारी है। लेकिन साथ ही फसल के पत्तों में एक लेसविग जैसा दिखने वाला टिड्डा किसानों को अनावश्यक रूप से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए आसानी से भ्रमित कर सकता है।

chat bot
आपका साथी