बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा बढ़ाने पर किसान अड़े, प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
हिसार में फसलों के मुआवजे के लिए किसान और प्रशासन आमने-सामने हैं। किसानों ने फसलों का मुआवजा बढ़ाने के लिए 18 अप्रैल तक का समय दिया है।19 अप्रैल से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। किसानों ने बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाने की मांग की है।
हिसार, जेएनएन। किसान फसलों के मुआवजे को लेकर प्रशासन के सामने अड़ गए हैं। किसानों ने प्रशासन को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए 18 अप्रैल तक का समय दिया है। इसकाे लेकर हाल ही में किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार किसानों के साथ डीसी से भी मिले थे। उन्होंने कहा है कि किसानों की अगस्त 2020 सफेद मक्खी का प्रकोप, ओलावृष्टि व अंधड़ से बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी लंबा आंदोलन चलाकर करवाई गई थी।
सरकार ने माना था कि पूरे जिले में किसानों की 50 से 80 फीसद तक फसल बर्बाद हो गई है। जिन किसानों का फसल बीमा हुआ, बीमा कंपनी ने किसानों को मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ मात्र 40 रुपये से लेकर 135 रुपये मुआवजा दिया। जबकि जिला के प्रत्येक किसानों का बीमा कंपनी ने 1650 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से लिया। किसानों ने मांग की है कि बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाए। किसानों को सही व उचित मुआवजा दिलवाया जाये। इसके अतिरिक्त जिन किसानों का बीमा नहीं हुआ, उनका भी मुआवजा सरकार से दिलवाया जाए। अपनी इन्ही मांगों को लेकर किसानों ने प्रशासन को 18 अप्रैल तक का समय दिया है।
पहले की तरफ फसल खरीद की मांग
किसानों की गेहूं फसल की मंडियों में खरीद नहीं हो रही है। किसान दर-दर भटक रहे हैं। किसान सभा ने मांग की है कि पहले की तरह फसल खरीद का सिस्टम चालू किया जाए। उपरोक्त दोनों मांगों को अगर सरकार व प्रशासन ने 18 अप्रैल तक नहीं माना तो किसान संवैधानिक तरीके से आंदोलन शुरु करेंगे और 19 अप्रैल को प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना लगाएंगे जिसकी पूरी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी।