किसान आंदोलन : एमएसपी की मांग काे लेकर टीकरी बार्डर पर किसान नेताओं ने शुरू किया अनशन

एमएसपी की मांग को पूरा करवाने और किसानों के अन्य मामलों पर कमेटी गठित करने की मांग को लेकर किसान नेता प्रदीप धनखड़ टीकरी बार्डर पर अनशन पर बैठ गए हैं। उनके साथ किसान नेता जगबीर घसौला डा. शमशेर सिंह संदीप कुमार शास्त्री क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:42 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:42 PM (IST)
किसान आंदोलन : एमएसपी की मांग काे लेकर टीकरी बार्डर पर किसान नेताओं ने शुरू किया अनशन
एमएसपी की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं द्वारा एमएसपी की मांग को पूरा करवाने और किसानों के अन्य मामलों पर कमेटी गठित करने की मांग को लेकर किसान नेता प्रदीप धनखड़ टीकरी बार्डर पर अनशन पर बैठ गए हैं। उनके साथ किसान नेता जगबीर घसौला, डा. शमशेर सिंह, संदीप कुमार शास्त्री क्रमिक अनशन पर बैठे। जगबीर घसौला ने बताया कि प्रदेश के किसान संगठनों द्वारा एमएसपी के मसले पर सरकार द्वारा कमेटी गठित करने की बात को सिरे से नकार दिया गया है। सिंघु बार्डर पर इसी मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल के बाद टीकरी बार्डर पर खाप प्रतिनिधियों ने भी संयुक्त किसान मोर्चा से पांच सदस्यीय कमेटी भंग करके एमएसपी कानून लागू करवाने की मांग उठाई है।

वहीं किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने संयुक्त किसान मोर्चा से मांग की है कि फसल खरीद कानून को सर्वोच्च मुद्दा रखा जाए। जब तक कानून नहीं बनेगा तब तक प्रदेश के प्रतिनिधि के तौर पर उनका अनशन जारी रहेगा। प्रदीप धनखड़ ने कहा कि संयुक्त मोर्चे के नेता सरकार से भी ज्यादा अहंकारी हो गए हैं। अब कमेटी गठन में उलझा कर किसानों को 25 साल पीछे धकेला जा रहा है। कमेटी में शामिल यही सदस्य थे जिन्होंने जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा को गुमराह किया था। अब मुख्य मुद्दे से भटकाकर वही धोखा देने की पृष्ठभूमि तैयार की गई है।

विरोध जताने के‍ लिए हाथ में लगाई हथकड़ी

धरने पर बैठने के दौरान एक नेता ने हाथों में हथकड़ी लगा ली। लोहे की चेन हाथों में बांध यह दर्शाया कि उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। वहीं अन्‍य किसानों ने भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का फूल मालाएं पहनाकर हौसला बढ़ाया। किसानों ने कहा कि उनकी एमएसपी की मांग को नहीं माना गया तो वे यहां से नहीं उठेंगे चाहे कुछ भी क्‍यों न हो जाए। एमएसपी पर सरकार को लिखित में कानून बनाना होगा।

chat bot
आपका साथी