भूमि अधिग्रहण पर आंदोलन कर रहे किसानों का नया कदम, प्रधानमंत्री को गेहूं और चारे के पार्सल भेजेंगे
हाईवे के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के उचित मुआवजे के लिए झज्जर के गांव निलौठी में किसान 43 दिन से धरने पर बैठे हैं। किसानों ने आवाज उठाई कि जमीन से अगर कोई सड़क निकाले तो उसका उचित मुआवजा दिया जाए।
बहादुरगढ़, जेएनएन। भूमि अधिग्रहण के मसले पर झज्जर जिले के गांव निलौठी में 43 दिन से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए नया कदम उठाएंगे। इन किसानों की ओर से प्रधानमंत्री को एक किलो गेहूं और एक किलो चारे का पार्सल भेजा जाएगा। यहां पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की उपजाऊ जमीन पर तो सड़क बनाई जा रही है। ऐसे में अब सरकार को जगाने के लिए किसानों के पास यही विकल्प बचता है।
पूरे प्रदेश में गांव-गांव बनाई जाएंगी कमेटियां
उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियां सही नहीं हैं। जमीनों के मुआवजे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। पूरे प्रदेश में गांव-गांव में समिति की ओर से कमेटी बनाकर उचित मुआवजा देने की मांग को विस्तार रूप दिया जाएगा। दलाल ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए सच्चाई के साथ कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है।
फसल नष्ट करना गलत
किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि दुख इस बात का है कि बहुत से व्यक्ति अपनी फसलों को ट्रैक्टर से नष्ट कर रहे हैं। किसान अपनी फसलों को भले सरकार को न दे, लेकिन गेहूं निकालकर गोशाला, पशु-पक्षियों व जरूरतमंद गरीब लोगों को दे। ताकि किसानों की मेहनत से सींची हुई फसल को खराब न करें। यह लड़ाई सरकार व राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ है। यह लड़ाई जाति-धर्म को भड़काने वालों के खिलाफ है।
तेज गर्मी में भी एसी, कूलर का प्रयोग नहीं करेंगे
इस बीच किसानों ने आवाज उठाई कि जमीन से अगर कोई सड़क निकाले तो उसका उचित मुआवजा दिया जाए। दलाल ने कहा कि निलौठी धरने में तेज गर्मी के बीच में भी एसी, कूलर का प्रयोग नहीं किया जाएगा। हम सभी किसान के पुत्र हैं। हम सर्दी, गर्मी व बरसात से नहीं घबराने वाले।