किसान बोले- आंदोलन स्थल पर बिकता है नशा, होता है अनैतिक कार्य, लगाम लगाए पुलिस प्रशासन
उपायुक्त श्यामलाल पूनिया और पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल द्वारा दिल्ली के रास्ते खुलवाने को लेकर आंदोलनकारियों को बैठक बुलाई गई थी। इसमें 14 अक्टूबर को सरकार की ओर से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव किसान नेताओं से बातचीत करेंगे।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : झज्जर के उपायुक्त श्यामलाल पूनिया और पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल द्वारा दिल्ली के रास्ते खुलवाने को लेकर आंदोलनकारियों को बैठक बुलाई गई थी। इसमें 14 अक्टूबर को सरकार की ओर से गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव किसान नेताओं से बातचीत करेंगे। इसी बैठक के लिए किसान नेताओं को आमंत्रित भी किया गया। इस बीच बैठक में किसान नेताओं ने कई मांग रखी। संयुक्त किसान मोर्चा की टीकरी बार्डर कमेटी की तरफ से बलदेव सिंह, लखविंदर सिंह, अमरीक सिंह, रमेश सुंडाना प्रमुख रूप से शामिल हुए। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन स्थल पर मच्छरों की समस्या ज्यादा है। इसलिए यहां पर फोगिंग करवाई जाए। आंदोलन स्थल के आसपास सड़क में गड्ढे हैं।
उनमें पानी भरा हुआ है। उसको निकाला जाए और गड्ढे भरवाए जाएं। सीवरेज की सफाई करवाई जाए। आंदोलनकारियों ने कहा कि यहां पर नशा बहुत ज्यादा बिकता है। अमरीक सिंह ने कहा कि नशा सप्लाई करने वाले यहां पर घूमते रहते हैं। इतना ही नहीं यहां पर देह व्यापार के लिए औरतें आती हैं। आंदोलन स्थल के पास अनैतिक कार्य होता है। इस पर रोक लगाई जाए। नए बस स्टैंड के पास सफाई नहीं हो रही। कूड़े का उठान भी करवाया जाए। आंदोलनकारी नेताओं ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने की भी मांग की।
किसान बोले, हम भी चाहते हैं रास्ते खुल जाए, मगर इसका फैसला संयुक्त मोर्चा ही लेगा :
बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि रास्ते खुल जाए। हम भी चाहते हैं। इन रास्तों को हमने बंद नहीं कर रखा। दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद कर रखे हैं। हमारी तो मांग है कि थोड़ा रास्ता खुल जाए। बार्डर के आसपास गलियों से जो रास्ता है, उसको भी खोला जाए। बैठक में शामिल हुए रमेश सुंडाना ने कहा कि किसान तो दिल्ली जाना चाहते थे, मगर बार्डर बंद कर दिए गए। हम जब भी दिल्ली जाएंगे तो बताकर जाएंगे। हमारा लक्ष्य तो दिल्ली जाना ही है। बार्डर से रास्ते खोलने के मसले पर संयुक्त मोर्चा ही कोई फैसला लेगा।