किसान नेताओं ने भरी हुंकार...कोरोना का डर दिखाकर आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश ना करे सरकार
किसान नेताओं की ओर से आंदोलन के मंच से साफ कहा जा रहा है कि सरकार कोरोना का डर दिखाकर आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में किसान नेताओं ने सरकार को चेताया कि वो ऐसा सोचने की भूल भी ना करे।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच किसान नेताओं ने आंदोलन को और मजबूती देने का निर्णय लिया है। किसान नेताओं की ओर से आंदोलन के मंच से साफ कहा जा रहा है कि सरकार कोरोना का डर दिखाकर आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में किसान नेताओं ने सरकार को चेताया कि वो ऐसा सोचने की भूल भी ना करे। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान पर किसान नेता जोगेंद्र उगराहा कहते हैं मैं खुद कोरोना पॉजिटिव हो गया था। यह बीमारी ही कुछ नहीं है। सिर्फ कुछ दिन बुखार आता है। यह तो सामान्य है। हम किसान हैं। शरीर से मजबूत हैं। अगर सरकार को किसानों की इतनी ही चिंता है तो उनकी मांगों को पूरी क्यों नहीं कर रही। आंदोलन में सैंकड़ों किसान मर चुके हैं, सरकार को अब तक उनकी चिंता क्यों नहीं हुई।
उधर, मंच से किसान नेताओं की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि गेहूं की फसल का सीजन खत्म होने जा रहा है। पंजाब में आने वाले कुछ दिनों में यह सीजन खत्म हो जाएगा। इसके बाद आंदोलन को और मजबूती दी जाएगी। आंदोलन के मंच से किसानों के साथ-साथ मजदूरों, दुकानदारों व छोटे व्यवसायियों और विदेशी निवेशकों से भी आह्वान किया जा रहा है कि वे किसानों का साथ दें।
आज समय की मांग है कि देश के सभी किसान, मजदूर, दुकानदार और छोटे व्यवसायी घरेलू और विदेशी निवेशक, इन सबको अपनी आजीविका और रोजगार बचाने के लिए आंदोलन का पुरजोर समर्थन करना चाहिए। मंच से किसान नेता आह्वान कर रहे हैं कि जैसे ही पंजाब से गेहूं की फसल खत्म होगी, किसानों, मजदूरों, दुकानदारों और छोटे व्यापारियों के बड़े काफिले दिल्ली मोर्चा में शामिल होंगे और जारी रहेंगे। तीनों कृषि कानून रद होने तक संघर्ष को तेज करने का आह्वान अब जोर-शोर से किया जा रहा है।