टिकरी बॉर्डर पर जहर खाने वाले आंदोलनरत किसान ने तोड़ा दम, एक अन्‍य किसान की भी मौत

रोहतक के पाकस्मा गांव के किसान जयभगवान राणा की रात 230 बजे दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई। घटना से किसान दुखी हैं। किसान ने सुसाइड नोट में लिखा था कि सरकार जिंदों की नहीं सुन रही शायद मुर्दों की सुन ले।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 11:54 AM (IST)
टिकरी बॉर्डर पर जहर खाने वाले आंदोलनरत किसान ने तोड़ा दम, एक अन्‍य किसान की भी मौत
किसान ने मंगलवार को जहर खाया था और लिखा था कि सरकार के लिए आंदोनल मूछों की लड़ाई है

बहादुरगढ़, जेएनएन। टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन के बीच मंगलवार को जहर खाने वाले रोहतक के पाकस्मा गांव के किसान जयभगवान राणा की रात 2:30 बजे दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल में मौत हो गई। घटना से किसान दुखी हैं। इस बीच बुधवार सुबह आंदोलन स्थल पर पंजाब का एक किसान मृत मिला। आशंका है कि उसकी हार्टअटैक से मौत हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आंदोलन के बीच किसानों की लगातार मौत का सिलसिला चल रहा है। बुधवार सुबह एचएल सिटी पुलिस चौकी के एरिया में पंजाब के पटियाला जिले के ताेंगा का रहने वाला 65 वर्षीय किसान धन्ना सिंह पुत्र छज्जू सिंह मृत मिला।

वह रात को अच्छी तरह खाना खाकर सोया था, लेकिन सुबह जगाया  तो वह दम तोड़ चुका था। पता लगते ही आस पास के किसान वहां जुट गए। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके से शव सिविल अस्पताल भेजा। किसान के परिवार को सूचना दी गई है। स्वजनों के ब्यान दर्ज होने के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। पुलिस का कहना है कि किसान की मौत संभवतः हार्टअटैक से हुई है। उधर, मंगलवार की शाम सुसाइड नोट लिखकर जहर खाने वाले पाकस्मा के किसान जयभगवान ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना हरियाणा किसान संयुक्त मोर्चा के संयोजक विकास सीसर ने इंटरनेट मीडिया पर किसानों को दी।

उन्होंने लिखा कि हमारा एक और साथी आंदोलन में शहीद हो गया। बता दें कि किसान जयभगवान ने अपने सुसाइड नोट में यह बात लिखी थी कि यह आंदोलन न रहकर मूंछों की लड़ाई बन गया है। किसान ने अपने सुसाइड नोट में सुझाव भी दिया था। अस्पताल जाने से पहले कहा था कि जिंदा की तो कोई सुन नहीं रहा है, हो सकता है मुर्दा की सुन ले।

chat bot
आपका साथी